भारतीय मूल के अमेरिकी पर्यावरण इंजीनियर कार्तिक चंद्रन को वर्ष 2015 मैक आर्थर ‘जीनियस ग्रांट’ की फेलोशिप के लिए चयनित किया गया. इसकी घोषणा सितंबर 2015 में की गई.
चंद्रन को ‘जीनियस ग्रांट’ फेलोशिप के तहत 6.25 लाख डॉलर (करीब 4.09 करोड़ रुपये) का मानदेय दिया जाएगा. यह फेलोशिप दुनिया में भोजन, स्वच्छ जल और ऊर्जा की जरूरत के क्षेत्र में आदर्श समाधान की दिशा में काम करने वालों को दी जाती है. चंद्रन को यह फेलोशिप अपशिष्ट जल को उर्वरक, ऊर्जा और स्वच्छ जल में तब्दील करने की दिशा में काम करने के लिए मिली है.
आइआइटी रुड़की से स्नातक करने वाले चंद्रन कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थ एंड एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर हैं.
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