पाकिस्तान
की जानी-मानी लोक गायिका रेशमा का लाहौर में 3 नवम्बर 2013
को निधन हो गया. वह गले के कैंसर से पीड़ित थीं और एक महीने से लाहौर
के एक अस्पताल में कोमा में थी.
रेशमा के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• लोक गीतों के अलावा रेशमा भारत में फिल्म हीरो के लिए गाये गए लम्बी जुदाई
गीत के लिए खासतौर से जानी जाती हैं.
• पाकिस्तान के अलावा कई भारतीय फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाये हैं.
• उनके प्रसिद्ध गीतों में लाल मेरी, दमादम मस्त कलंदर, हाइ ओ रब्बा नइयो लगदा दिल मेरा और अखियां नों रेहन दे अखियां दे कोल कोल शामिल हैं.
• उन्हें सितारे ए इम्तियाज और लिजेन्डस् ऑफ पाकिस्तान जैसे अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
• वह वर्ष 1960 के दशक से ही पाकिस्तानी टीवी पर गाने लगी थीं.
• केवल 12 बरस की उम्र में ही उन पर कलंदर की मजार पर गाते हुए टीवी और रेडियो के प्रोड्यूसरों की नजर पड़ी और उन्हें गाने के लिए एक के बाद एक प्रस्ताव मिलने लगे.
• राजस्थान के बीकानेर में जन्मी रेशमा एक बंजारा परिवार से संबंध रखती थीं और वर्ष 1947 में विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था.
• पाकिस्तान के अलावा कई भारतीय फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाये हैं.
• उनके प्रसिद्ध गीतों में लाल मेरी, दमादम मस्त कलंदर, हाइ ओ रब्बा नइयो लगदा दिल मेरा और अखियां नों रेहन दे अखियां दे कोल कोल शामिल हैं.
• उन्हें सितारे ए इम्तियाज और लिजेन्डस् ऑफ पाकिस्तान जैसे अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
• वह वर्ष 1960 के दशक से ही पाकिस्तानी टीवी पर गाने लगी थीं.
• केवल 12 बरस की उम्र में ही उन पर कलंदर की मजार पर गाते हुए टीवी और रेडियो के प्रोड्यूसरों की नजर पड़ी और उन्हें गाने के लिए एक के बाद एक प्रस्ताव मिलने लगे.
• राजस्थान के बीकानेर में जन्मी रेशमा एक बंजारा परिवार से संबंध रखती थीं और वर्ष 1947 में विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था.
Who: पाकिस्तान की जानी-मानी लोक गायिका रेशमा
Where: लाहौर, पाकिस्तान
What: निधन हो गया
When: 3 नवम्बर 2013
Why: वह गले के कैंसर से पीड़ित थीं
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