आध्यात्मिक गुरू जगद्गुरू कृपालु महाराज का गुडगांव में निधन -(16-NOV-2013) C.A

| Saturday, November 16, 2013
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आध्यात्मिक गुरू जगद्गुरू कृपालु महाराज का मस्तिष्क में चोट लगने के कारण गुडगांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में 15 नवंबर 2013 को निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे. 

जगदगुरु कृपालु महाराज वर्तमान काल में मूल जगदगुरु थे. भारत के इतिहास में इनके पहले लगभग तीन हजार साल में चार और मौलिक जगदगुरु हो चुके हैं. लेकिन कृपालु महाराज के जगदगुरु होने में एक अनूठी विशेषता यह थी कि उन्हें जगदगुरुत्तम’ (समस्त जगदगुरुओं में उत्तम) की उपाधि से विभूषित किया गया था. कृपालु महाराज को 35 वर्ष की उम्र में जगदगुरूत्तमकी उपाधि से 14 जनवरी 1957 को विभूषित किया गया था. वह जगद्गुरू कृपालु परिषद के प्रणेता थे. इस संगठन के पांच मुख्य आध्यात्मिक केंद्र हैं. इनमें से चार भारत में और एक अमेरिका में है.
 
कृपालु महाराज का जन्म वर्ष 1922 में शरद पूर्णिमा की आधी रात को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मनगढ़ ग्राम के ब्राह्मण कुल में हुआ था.

कृपालु महाराज से सम्बंधित तथ्य 
कृपालु महाराज पहले जगदगुरु थे, जिनका कोई गुरु नहीं था और वे स्वयं जगदगुरुत्तमथे.
कृपालु महाराज पहले जगदगुरु थे, जिन्होंने एक भी शिष्य नहीं बनाया. लेकिन उनके लाखों अनुयायी हैं.
कृपालु महाराज ने अपने जीवन काल में ही जगदगुरुत्तमउपाधि की 50वीं वर्षगांठ मनाई.
कृपालु महाराज ऐसे जगदगुरु थे, जिन्होंने ज्ञान एवं भक्ति दोनों में सर्वोच्चता प्राप्त की व दोनों का खूब दान किया.
कृपालु महाराज पहले जगदगुरु थे जिन्होंने पूरे विश्व में श्री राधाकृष्ण की माधुर्य भक्ति का धुआंधार प्रचार किया व सुमधुर राधा नाम को विश्वव्यापी बना दिया.
वह पहले जगदगुरु थे, जिन्‍होंने विदेशों में प्रचार के लिए समुद्र पार किया.
Who: आध्यात्मिक गुरू जगद्गुरू कृपालु महाराज
Where: गुडगांव
What: निधन
When: 15 नवंबर 2013


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