भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्यात और आयात के लेन-देन में तीसरे पक्ष को भुगतान की अनुमति प्रदान की-(11-NOV-2013) C.A

| Monday, November 11, 2013
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भारतीय रिजर्व बैंक ने आयात-निर्यात के लेन-देन के लिए तीसरे पक्ष को भुगतान के विकल्प को अनुमति 8 नवम्बर 2013 को प्रदान की. तीसरे पक्ष का आशय खरीददार या विक्रेता के अतिरिक्त किसी और से है.
इसका उद्देश्य निर्यात-आयात के लिए भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को और उदार बनाना है. इसके तहत बैंकों को जिन्सों या सॉफ्टवेयर के निर्यात के लिए तीसरे पक्ष से भुगतान लेने की भी अनुमति दी गई.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को जिन्सों के आयात के लिए तीसरे पक्ष को भुगतान करने की अनुमति दी है, लेकिन बैंकों द्वारा कुछ शर्तों को माना जाना है.
भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है. इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट, 1934 के अनुसार हुई. यह भारत के सभी बैंको का संचालक है. आरम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो वर्ष 1937 में मुम्बई स्थानांतरित किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक के 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों को राजधानियों में स्थित हैं. भारतीय रिजर्व बैंक पहले एक निजी बैंक था परन्तु वर्ष 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
Who: भारतीय रिजर्व बैंक
What: आयात-निर्यात के लेन-देन के लिए तीसरे पक्ष को भुगतान के विकल्प को अनुमति दी
When: 8 नवम्बर 2013


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