भारत सरकार ने 14 जनवरी 2016 नीरांचल राष्ट्रीय वाटरशेट परियोजना के लिए विश्व बैंक के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए.
यह परियोजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा छह साल की अवधि (2016-21) के लिए लागू की जाएगी. इससे जल विज्ञान और जल प्रबंधन, कृषि उत्पादन प्रणाली, क्षमता निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सहायता मिलेगी.
यह परियोजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा छह साल की अवधि (2016-21) के लिए लागू की जाएगी. इससे जल विज्ञान और जल प्रबंधन, कृषि उत्पादन प्रणाली, क्षमता निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सहायता मिलेगी.
नीरांचल परियोजना को पिछले साल अक्तूबर में मंत्रिमण्डल ने अपनी मंजूरी दी थी. इस परियोजना का कुल बजट परिव्यय 2142 करोड़ रुपए है जिसमें 1071 करोड़ रुपए सरकार का हिस्सा और शेष 50 प्रतिशत विश्व बैंक का हिस्सा होगा.
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर कार्यक्रम की अध्यक्षता की. उन्होंने बताया कि वाटरशेट परियोजना को लागू करने वाले सभी 28 राज्य नीरांचल से लाभान्वित होंगे.
नौ राज्य- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान और तेलंगाना अपने राज्यों में अधिक वाटरशेट योजनाओं के लागू करने की वजह से इस योजना से भी अधिक लाभान्वित होंगे.
12 प्रतिशत भूमि, जिसे बंजर भूमि कहा जा सकता है, इस परियोजना के माध्यम से लक्षित किया जाएगा जिससे 336 लाख हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होगी. इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने से लंबी अवधि तक कृषि समुदाय की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
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