2016 एनटीआई न्यूक्लीयर सिक्योरिटी इंडेक्स जारी-(27-JAN-2016) C.A

| Wednesday, January 27, 2016
14 जनवरी 2016 को न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (एनटीआई), अमेरिका का थिंक–टैंक, ने 2016 एनटीआई न्यूक्लीयर सिक्योरिटी इंडेक्स जारी किया. इसका थीम था फ्रेववर्क फॉर अस्योरेंस, अकाउंटिबिलिटी एंड एक्शन.

इंडेक्स 176 देशों में वैश्विक परमाणु सुरक्षा स्थितियों का आकलन दो क्षेत्रों में करता है– हथियारों की संभावित चोरी– उपयोग करने योग्य परमाणु सामग्रियां और परमाणु सुविधाओं की संभावित तोड़फोड़.
दुनिया में एक किलोग्राम या अधिक हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देशों में से, ऑस्ट्रेलिया को सबसे सुरक्षित माना गया. 21 वीं रैंक के साथ भारत सुरक्षा की दृष्टि से सबसे कमजोर देशों में है. 

फिर भी द्विवार्षिक प्रकाशन के पिछले संस्करण की तुलना में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सहायता गतिविधियों में शामिल होकर और आईएईए के अतिरिक्त प्रोटोकॉल का अनुसरण कर भारत ने अपने रैंक में दो स्थान का सुधार किया है. 

इंडेक्स में जहां सुधार हुए हैं उनकी भी पहचान की गई है और मार्च 2016 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने वाले 2016 न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट (एनएसएस) के नेताओं द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों की सिफारिश भी की गई है. 

रिपोर्ट की विशेषताएं
• थेफ्ट रैंकिंगः ऑस्ट्रेलिया (1), स्विट्जरलैंड (2), कनाडा (3), पोलैंड (4), ये चार देश सबसे सुरक्षित हैं जबकि पाकिस्तान (22), इरान (23) और उत्तर कोरिया (24) सबसे असुरक्षित. 
• जापान सबसे बेहतर स्थिति वाला देश है. फ्रांस, अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम को न्यूक्लियर– आर्म्ड स्टेट्स (परमाणु हथियार वाले देश) में सबसे अधिक अंक मिले हैं. 
• अमेरिका, भारत, रूस और यूनाइटेड किंग्डम सबसे बेहतर परमाणु हथियारों से लैस देश हैं. 
• एक किलोग्राम से कम या हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों के बगैर वाले देशों में स्वीडन का स्थान सबसे पहला है. जिबूती सबसे बेहतर है. 
• सैबटाश रैंकिंग– सैबटाश की चपेट में आने वाले परमाणु सुविधाओँ वाले 45 देशों में सबसे पहला स्थान फिनलैंड का है. 
• मुख्य रूझानः मुख्य सुरक्षा और नियंत्रण उपायों में कोई सुधार नहीं किए जाने के साक्ष्य के साथ सामग्रियों को सुरक्षित और कम करने की दिशा में प्रगति में कमी आई है.
• हथियार– उपयोगी सामग्रियों के वैश्विक भंडार में समग्र रूप से कमी आई है, लेकिन रूझान बताते हैं कि निकट भविष्य में इसमें बढ़ोतरी होगी. 
• बिना सामग्रियों वाले देश वैश्विक मानकों का समर्थन कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को लागू भी कर रहे हैं. 
• शेष चुनौतियां– न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है लेकिन प्रभावी वैश्विक परमाणु सुरक्षा प्रणाली के विकास का रणनीतिक लक्ष्य अभी भी हासिल करना बाकी है. 
• नई या उभरती हुई परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम वाले देश खतरों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 
• उभरते साइबर खतरों से निपटने में परमाणु सुविधाएं तैयार नहीं हैं. हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देश और वैसे 23 देश जिनके पास परमाणु सुविधाएं तो हैं लेकिन हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियां नहीं में से 13 देशों को साइबर सुरक्षा में सबसे अधिक अंक मिले हैं. 

सिफारिशें
रिपोर्ट में प्रभावी वैश्विक परमाणु सुरक्षा प्रणाली बनाने के लिए निम्नलिखित उपाए करने का सुझाव दिया गया है.
• सैन्य सामग्रियों की सुरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ाना. 
• परमाणु सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून की नींव पर काम करना. 
• परमाणु सुरक्षा की प्रभावकारिता और जवाबदेही निर्माण में मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय आत्मविश्वास को बढ़ाना. 
• उपयोग करने योग्य परमाणु सामग्रियों के भंडार को कम करने की प्रतिबद्धता. 

ये सुझाव वैश्विक स्तर के उपायों से संबंधित हैं, निम्नलिखित सुझाव देशों को उनके परमाणु सामग्रियों की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए दिए जा रहे हैं.
• परमाणु सुविधाओं में साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और तकनीकी क्षमता का निर्माण.
• सामग्रियों को चोरी और सुविधाओं में तोड़फोड़ से बचाने के लिए सुरक्षा और नियंत्रण उपायों में सुधार करना. 
• परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों के निर्माण से पहले प्रभावी परमाणु सुरक्षा व्यवस्था तैयार रहे, को सुनिश्चित करना . 
• स्वतंत्र नियामक एजेंसियों की स्थापना और मौजूदा एजेंसियों को मजबूत बनाना. 
• परमाणु सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करना. 

इंडेक्स के बारे में
• इंडेक्स में एक किलोग्राम या अधिक के हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देशों के वैश्विक परमाणु सामग्री सुरक्षा स्थितियों की दिशा में योगदान का आकलन किया गया है, इसमें 5 श्रेणियों– मात्राएं और स्थान, सुरक्षा और नियंत्रण उपाय, वैश्विक मानदंड, घरेलू प्रतिबद्धताएं और क्षमता एवं जोखिम पर्यावरण को शामिल किया गया है. 
• "थेफ्ट रैंकिंग" में एनटीआई इंडेक्स के 2012 और 2014 संस्करणों को शामिल किया गया था, "पोटेंशियल सैबटाश पार्ट" को इंडेक्स में पहली बार जगह दी गई है. इसके अलावा  2016 इंडेक्स में परमाणु सुविधाओं के लिए उभरते साइबर खतरे से निपटने के लिए अलग– अलग देशों द्वारा किए जा रहे कार्यों के आकलन को भी शामिल किया गया है. 
• अतिरिक्त 151 देश जिनके पास एक किलोग्राम से कम सामग्री है या सामग्री है ही नहीं, का आकलन– वैश्विक मानदंड, घरेलू प्रतिबद्धताएं और क्षमता एवं जोखिम पर्यवरण, इन तीन श्रेणियों के तहत किया गया है. 
• इंडेक्स एनटीआई और अमेरिका के इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) का संयुक्त प्रयास है.

0 comments:

Post a Comment