जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015, 15 जनवरी 2016 से देश में लागू हो गया. इसके तहत 16 से 18 वर्ष के किसी नाबालिग को किसी जघन्य में शामिल होने पर उसे व्यस्क माना जायेगा.
इसके अतिरिक्त यदि कोई दुकानदार नाबालिगों को सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचता है तो उसे सात वर्ष तक जेल अथवा एक लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों भुगतना पड़ सकता है.
• दिसंबर 2015 में संसद ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 पारित किया था, इसके सभी प्रावधान जनवरी 15 से लागू हो गये हैं.
• सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के गलत प्रभाव से नाबालिगों को बचाने के लिए सरकार ने पहली बार नाबालिग बच्चों को ऐसे उत्पाद बेचने को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा है.
• इससे पिछले जुवेनाइल एक्ट् में नाबालिग को शराब और ड्रग्स बेचने को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया था.
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