केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान को विश्वविद्यालय की मान्यता-(28-JAN-2016) C.A

| Thursday, January 28, 2016
केंद्र सरकार ने जनवरी 2016 में केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस- लद्दाख) को विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान की. इसके तहत केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान को नई श्रेणी के तहत 5 वर्ष की अस्थायी अवधि के लिए मानित विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान की गई.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परामर्श पर केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लेह (लद्दाख) स्थित चोगलामसर के केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के प्रकाश में मानित विश्वविद्यालय घोषित किया. यह घोषणा नई श्रेणी के तहत 5 वर्ष की अस्थायी अवधि के लिए की गई. इसके तहत यह अवधि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी और तिब्बती औषधि एवं ज्योतिष विभाग, धर्मशाला के पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों से सीआईबीएस की असम्बद्धता की तारीख से शुरू होगी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विशेषज्ञ समिति द्वारा 5 वर्ष के लगातार वार्षिक कामकाज के आधार पर दी जाने वाली रिपोर्ट के मद्देनजर सीआईबीएस की मानित विश्वविद्यालय की मान्यता निश्चित की जाएगी. भारत के गजट खंड 1, वर्ग 1 में प्रकाशित होने के लिए 15 जनवरी, 2016 को इसके संबंध में अधिसूचना जारी की गई.

उपरोक्त घोषणा निम्नलिखित आधारों पर मान्य होगी:

•    विश्वविद्यालय आयोग नियमन (मानित विश्वविद्यालय संस्थान) 2010 में वर्ष 2014 और 2015 में होने वाले संशोधन तथा समय-समय पर मानित विश्वविद्यालयों के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संशोधन और दिशा-निर्देश सीआईबीएस पर बाध्यकारी होंगे.
•    सीआईबीएस यूजीसी/भारत सरकार की सलाह से आवश्यकता पड़ने पर अपने मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन रूल्स में संशोधन/उन्नयन करेगा. सीआईबीएस भारत सरकार या यूजीसी द्वारा सुझाव देने पर अपने नियमों में संशोधन/सुधार भी करेगा.
•    सीआईबीएस किसी प्रकार का दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम प्रदान नहीं करेगा. 
•    सीआईबीएस यूजीसी और भारत सरकार की पूर्वानुमति के बिना कोई ऑफ कैंपस/ऑफ शोर कैंपस/नया विभाग न तो खोलेगा और न चलाएगा.
•    सीआईबीएस को किसी कॉलेज/संस्थान को सम्बद्धता देने की अनुमति नहीं होगी.
•    सीआईबीएस को किसी भी परिस्थिति में उच्च शिक्षा के लिए कोई फ्रेंचाइजी नहीं देगा.
•    सीआईबीएस द्वारा चलाए जाने वाले सभी अकादमिक कार्यक्रम प्रासंगिक वैधानिक परिषदों द्वारा बनाए गए नियमों तथा मानकों के अनुरूप होंगे.
•    सीआईबीएस ऐसी कोई भी डिग्री न तो प्रस्तावित करेगा और न प्रदान करेगा, जो यूजीसी द्वारा मान्य नहीं है. संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 22 के तहत यूजीसी द्वारा मान्य डिग्रियां ही प्रदान करेगा.
•    छात्रों का प्रवेश, छात्रों की संख्या, नए पाठ्यक्रम/कार्यक्रमों की शुरूआत, पाठ्यक्रमों की अनुमति का नवीनीकरण आज के मामले में सीआईबीएस प्रासंगिक वैधानिक परिषदों के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करेगा.

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