सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजय मिश्रा को यूपी का नया लोकायुक्त नियुक्त किया-(29-JAN-2016) C.A

| Friday, January 29, 2016
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी 2016 को अपने पूर्ववर्ती फैसले को बदलते हुए रिटायर्ड जस्टिस (रिटायर्ड) संजय मिश्रा को यूपी का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है. इस आदेश के साथ ही वीरेंद्र सिंह का नाम वापस ले लिया गया है. कोर्ट ने 16 दिसंबर 2015 को वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त बनाने का आदेश दिया था.
क्यों लिया वीरेंद्र सिंह का नाम वापस-
  • सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम यूपी सरकार ने ही  कोर्ट के सामने रखा था. किन्तु उनके बारे में कोर्ट को कई तथ्य साफ नहीं हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह के नाम और यूपी सरकार को लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में यूपी सरकार पर सख्त नाराजगी भी जाहिर की.
  • यही वजह है कि न्यायालय को जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम वापस लेना पड़ा.
  • लोकायुक्त के नाम पर सहमति न बन पाने के कारण 18 महीने तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया.
  • इसी कारण पुराने लोकायुक्त का कार्यकाल दस साल तक खिंचा.
  • समय रहते लोकायुक्त की नियुक्ति न किए जाने पर कोर्ट ने कहा कि सीएम, गवर्नर और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अपनी ड्यूटी करने में असफल रहे.
  • जस्टिस वीरेंद्र सिंह की लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति को लेकर सच्चिदानंद गुप्ता उर्फ सच्चे गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नियुक्त का विरोध किया था.
  • संजय मिश्रा के बारे में-
  • जस्टिस संजय मिश्रा इलाहाबाद के मूल निवासी हैं. उनका जन्म 19 नवंबर 1952 में हुआ.
  • बलरामपुर में वह एडमिनिस्ट्रेटिव जज भी रह चुके हैं.
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 सितंबर 2004 में ज्वॉइनिंग हुई.
  • जस्टिस संजय मिश्रा में 1977 में अपना करियर शुरू किया था और दिसम्बर 2005 में वे पूर्णकालिक जज बने थे. 24 सितम्बर 2014 को वे हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने थे.
  • जस्टिस संजय मिश्रा ने 18 नवंबर 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को अपनी सेवाएँ दी. 2014 में वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ही सेवानिवृत्त हुए.
  • यूपी सरकार के पैनल में भी जस्टिस संजय मिश्रा का नाम था. लेकिन सरकार ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम प्रपोज किया था.
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