देश के 67वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी 2016 को भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के स्मारक का मुंबई में अनावरण किया गया.
इस स्मारक का अनावरण दक्षिण मुंबई स्थित नौसेना डाकयार्ड में वाइस एडमिरल एसपीएस चीमा फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान और नगर आयुक्त अजय मेहता द्वारा किया गया.
इस स्मारक का निर्माण धातु मूर्तिकार अर्जन खंबाटा द्वारा किया गया. यह स्मारक आईएनएस विक्रांत के टूटने से प्राप्त धातु के टुकड़ों का उपयोग करके बनाई गई है.
इस स्मारक का निर्माण धातु मूर्तिकार अर्जन खंबाटा द्वारा किया गया. यह स्मारक आईएनएस विक्रांत के टूटने से प्राप्त धातु के टुकड़ों का उपयोग करके बनाई गई है.
इस पोत का निर्माण वर्ष 1943 में एचएमएस हर्क्युलेस के नाम से ब्रिटिश नौसेना के लिए किया गया.
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसका निर्माण समत कर दिया गया था. वर्ष 1957 में में भारत लाया गया.
भारतीय नौसेना के पहले विमान वाहक आईएनएस विक्रांत को 1961 में बल में शामिल किया गया था और 36 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद उसे 1997 में सेवा से हटा दिया गया था.
इसका जलावतावरण वर्ष 1961 में कैप्टन विजय लक्ष्मी पंडित द्वारा किया गया. कैप्टन प्रीतम सिंह इस पोत की पहली कमांडिंग अफसर थीं.
वर्ष 1961 के मई माह में लेफ्टिनेंट राधाकृष्ण हरिराम ताहीलियानी ने इस पोत पहला जेट प्लेन उतारा.
आईएनएस विक्रांत को वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था.
वर्ष 1961 के मई माह में लेफ्टिनेंट राधाकृष्ण हरिराम ताहीलियानी ने इस पोत पहला जेट प्लेन उतारा.
आईएनएस विक्रांत को वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था.
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