राजस्थान ‘‘उदय’’ योजना के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला तीसरा राज्य-(28-JAN-2016) C.A

| Thursday, January 28, 2016
राजस्थान और राजस्थान के डिस्कॉम्स (जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) ने डिस्कॉम्स के परिचालन और वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए आज ‘’उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना’’- उदय स्कीम के अंतर्गत समझौता ज्ञापन पत्र पर 27 जनवरी, 2016 को हस्ताक्षर किये.
  • समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर केन्द्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार, पीयूष गोयल की उपस्थिति में किये गये.
  • उदय के अंतर्गत समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य है.
  • इससे पहले अन्य दो राज्य झारखंड और छत्तीसगढ़ समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.
  • उदय योजना का शुभारंभ भारत सरकार ने 20 नवम्बर, 2015 को ऋण में डूबी विद्युत् वितरण इकाईयों की वित्तीय स्थिरता और विकास हेतु एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान को सुनिश्चित करने के लिए किया.
  • उदय के माध्यम से इन डिस्कॉम की वित्तीय और परिचालनगत हालत को सुधारते हुए सस्ती दरों पर पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति और सभी के लिए 24 घंटे बिजली एवं 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को सक्षम बनाने का एक प्रयास है.
  • 30 सितम्बर 2015 को डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 80500 करोड़ रूपए था. जिसमें से 75 प्रतिशत अर्थात 60500 करोड़ रूपए का वहन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.
  • यह योजना 20000 करोड़ रूपए के शेष ऋण के लिए औसत वर्तमान ब्याज दर से भी कम करीब 3 प्रतिशत के कूपन मूल्यों का पुनर्मूल्य तय किए जाने अथवा राज्य द्वारा गारंटीकृत बांड्स की सुविधा भी प्रदान करती है.
  • राजस्थान डिस्काम्स के ऋण में कमी आने और शेष ऋण पर ब्याज दरों में कमी होने से वार्षिक ब्याज लागत में करीब 3000 करोड़ रूपए की बचत होगी.
  • राजस्थान और डिस्कॉम्स, अनिवार्य फीडर और वितरण ट्रांसफॉर्मर मीटरिंग, उपभोक्ता अनुक्रमण एवं घाटों की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफॉर्मरों के उन्नयन/ बदलाव, मीटर, उपभोक्ताओं की स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से परिचालनगत कुशलता लाने के प्रति वचनबद्ध है.
  • उदय में मांग से जुड़े पक्ष जैसे ऊर्जा-कुशल एलईडी बल्बों, कृषि पम्पों, पंखों और एयर-कंडीनरों एवं पीएटी (प्रदर्शन, प्राप्ति, व्यापार) के माध्यम से कुशल औद्योगिक उपकरणों के उपयोग से अत्यधिक मांग को घटाने, भार को बांटने और इस प्रकार से राजस्थान में ऊर्जा खपत को कम करने में मदद मिलेगी.
  • इससे होने वाले लाभ की संभावना वित्तीय वर्ष 2019 तक करीब 2000 करोड़ रूपए है.
  • राजस्थान को डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस, विद्युत क्षेत्र विकास कोष जैसी केन्द्रीय योजनाओं अथवा एमओपी और एमएनआरई जैसी अन्य योजनाओं के माध्यम से अतिरिक्त/प्राथमिक वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा.
  • इसके अतिरिक्त, कोल स्वैपिंग, कोल ग्रेड स्लिपेज में सुधार, 100 प्रतिशत धुले हुए कोयले की उपलब्धता जैसे अन्य लाभों से राज्य को विद्युत के मूल्यों को आगे और कम करने में सहायता मिलेगी.
  • राज्य को इन कोयला सुधारों से करीब 3000 करोड़ रूपए का लाभ होगा.
  • इससे 3 वर्षो में डिस्कॉम्स को करीब 150 करोड़ रूपए की ब्याज लागत बचत होने की संभावना है.
  • योजना से राजस्थान के उन करीब 396 ग्रामों और 30 लाख परिवारों को शीघ्रता के साथ बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी जहां आज भी बिजली नहीं हैं.

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