भारत ने पहली द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट UNFCCC को सौंपी-(27-JAN-2016) C.A

| Wednesday, January 27, 2016
22 जनवरी 2016 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) को अपनी पहली द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट सौंप दी. यह रिपोर्ट सम्मेलन के तहत रिपोर्ट करने के दायित्व की पूर्ति के लिए सौंपी गई थी. सम्मेलन के प्रावधानों के अनुसार देशों को उनके राष्ट्रीय संचार के रूप में समय– समय पर जानकारी मुहैया कराने की जरूरत है.
द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं (बीयूआर– BUR) 
• BUR में वर्ष 2010 के लिए भारत का राष्ट्रीय जीएचजी वस्तुसूची है. इसे जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (IPCC) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है.  
• वस्तुसूची में छह ग्रीनहाउस गैसों को कवर किया गया है– कार्बन डाइऑक्साइड ( CO2), मिथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (HFC), परफ्लूरोकार्बन्स (PFC) और सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6). 
• इसमें पांच श्रेणियां हैं– ऊर्जा, औद्योगिक प्रक्रियाएं एवं उत्पादन उपयोग (IPPU), कृषि, कचरा और भूमि– उपयोग, बदलाव और वानिकी (LULUCF). 
• BUR के अनुसार, भारत ने साल 2010 में 2136.84 मिलियन टन CO2 के समकक्ष ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन किया है. 
• साल 2010 में कुल उत्सर्जन के 71 फीसदी के साथ उत्सर्जन में मुख्य योगदान ऊर्जा क्षेत्र का रहा. 
• राष्ट्रीय जीएचजी वस्तुसूची में औद्योगिक प्रक्रियाएं एवं उत्पादन उपयोग (IPPU) ने 8 फीसदी योगदान किया. कृषि और कचरा क्षेत्र ने क्रमशः 18 फीसदी और 3 फीसदी का योगदान किया. 
• उत्सर्जन का करीब 12 फीसदी वनों और फसल भूमि के कार्बन सिंक ऑफसेट से हुआ. राष्ट्रीय जीएचजी उत्सर्जन कुल 1884.31 मिलियन टन CO2 के समकक्ष रहा. 
• भारत का प्रति व्यक्ति जीएचजी उत्सर्जन साल 2010 में 1.56 टन CO2 के समकक्ष रहा. यह दुनिया के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के एक– तिहाई और कई विकसित एवं विकासशील देशों की तुलना में बहुत कम है. 
• साल 2005 और 2010 के बीच उत्सर्जन तीव्रता में जीडीपी के करीब 12 फीसदी तक कमी साल 2020 तक उत्सर्जन तीव्रता में जीडीपी के 20– 25 फीसदी कमी करने के हमारे स्वैच्छिक प्रतिज्ञा के तहत हासिल किया गया है. 
• जलवायु परिवर्तन के लिहाज से प्रासंगिक, राष्ट्रीय स्तर पर 137 और राज्य स्तर पर 286 नीतियों और पैमानों को रिपोर्ट में गैर–व्यापक आधार पर शामिल किया गया है. 

द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट (BUR) को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नैटकॉम (NATCOM) परियोजना के तहत तैयार किया है. इस परियोजना का वित्त पोषण ग्लोबल इंवायरमेंट फैसिलिटी (डीईएफ) ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के माध्यम से किया है.

पृष्ठभूमि
UNFCC ने अपने सोलहवें सत्र में फैसला किया कि विकासशील देश अपने राष्ट्रीय संचार को द्विवार्षिक आधार पर द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट के रूप में जमा करेंगे.

BUR के कार्यक्षेत्र में UNFCC में देश द्वारा जमा किए गए नवीनतम राष्ट्रीय संचार के लिए अपडेट मुहैया कराना है. UNFCC के नियमों के अनुसार, BUR इंटरनेशनल कंसल्टेशन एंड एनालिसिस (ICA) नाम से जाने जाने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के विषयाधीन है.

0 comments:

Post a Comment