उन्हें श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे द्वारा पुरस्कार तथा एक ट्रॉफी प्रदान किये गये.
इस पुरस्कार के लिए अन्य छह नामांकित लेखक थे:
• यूके आधारित लेखक अखिल शर्मा - फैमिली लाइफ
• के आर मीरा – हैंगवुमन (जे देविका द्वारा अनुवादित)
• मिर्ज़ा वाहिद – द बुक ऑफ़ गोल्ड लीव्स
• नील मुखर्जी – द लिव्स ऑफ़ अदर्स
• राज कमल जा – शी विल बिल्ड हिम अ सिटी
अनुराधा रॉय
• वे भारतीय लेखक, पत्रकार एवं सम्पादक हैं.
• उन्होंने किडरपोर के सैंट थॉमस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की.
• उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज एवं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर की पढाई की.
• उन्होंने पब्लिकेशन हाउस – परमानेंट ब्लैक की वर्ष 2000 में स्थापना की.
• उनके पहले उपन्यास, एन एटलस ऑफ़ इम्पॉसिबल लोंगिंग का विश्व की 50 भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है.
दक्षिण एशिया के साहित्य का डीएससी पुरस्कार
• यह पुरस्कार उन लेखकों को दिया जाता है जिन्होंने दक्षिण एशिया की संस्कृति, राजनीति एवं जनता पर लेखन कार्य किया हो.
• यह पुरस्कार डीएससी लिमिटेड द्वारा दिया जाता है.
• यह पुरस्कार एक सम्पूर्ण अंग्रेजी उपन्यास अथवा उसके अनुवादित प्रकाशन को दिया जाता है.
• इसमें विजेता को 2800000 रुपये (लगभग 50,000 अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं.
• वर्ष 2015 में झुम्पा लाहिड़ी को उनके उपन्यास द लोलैंड के लिए यह पुरस्कार दिया गया. साइरस मिस्त्री को यह पुरस्कार वर्ष 2014 में उनके उपन्यास क्रॉनिकल ऑफ़ अ कॉर्प्स बियरर के लिए दिया गया.
• वे भारतीय लेखक, पत्रकार एवं सम्पादक हैं.
• उन्होंने किडरपोर के सैंट थॉमस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की.
• उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज एवं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर की पढाई की.
• उन्होंने पब्लिकेशन हाउस – परमानेंट ब्लैक की वर्ष 2000 में स्थापना की.
• उनके पहले उपन्यास, एन एटलस ऑफ़ इम्पॉसिबल लोंगिंग का विश्व की 50 भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है.
दक्षिण एशिया के साहित्य का डीएससी पुरस्कार
• यह पुरस्कार उन लेखकों को दिया जाता है जिन्होंने दक्षिण एशिया की संस्कृति, राजनीति एवं जनता पर लेखन कार्य किया हो.
• यह पुरस्कार डीएससी लिमिटेड द्वारा दिया जाता है.
• यह पुरस्कार एक सम्पूर्ण अंग्रेजी उपन्यास अथवा उसके अनुवादित प्रकाशन को दिया जाता है.
• इसमें विजेता को 2800000 रुपये (लगभग 50,000 अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं.
• वर्ष 2015 में झुम्पा लाहिड़ी को उनके उपन्यास द लोलैंड के लिए यह पुरस्कार दिया गया. साइरस मिस्त्री को यह पुरस्कार वर्ष 2014 में उनके उपन्यास क्रॉनिकल ऑफ़ अ कॉर्प्स बियरर के लिए दिया गया.
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