साई इंग वन ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं-(18-JAN-2016) C.A

| Monday, January 18, 2016
Tsai Ing-wen
16 जनवरी 2016 को ताइवान में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की आज़ादी समर्थक उम्मीदवार साई इंग वन ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई.

साई इंग वन ने सत्तारूढ़ क्वामिनतांग पार्टी के एरिक चू को हराया है. वो चीनी भाषी दुनिया में पहली महिला राष्ट्रपति हैं.
चीन के साथ नज़दीकी रिश्तों की पैरोकार सत्तारूढ़ क्वामिनतांग पार्टी को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है.
चीन ताइवान को अपने अलग हुए प्रांत के तौर पर देखता है और चेतावनी भी देता रहा है कि ज़रूरत पड़ने पर बलपूर्वक उसे वापस लिया जा सकता है.
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले चीन और ताइवान के नेताओं की ऐतिहासिक मुलाक़ात भी हुई थी.
साई इंग वन
• 31 अगस्त 1956 को जन्मीं साई इंग वन का जन्म ताइवान स्थित ताईपेई में हुआ.  उन्होंने वर्ष 1980 में कोर्नेल यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से स्नातकोतर डिग्री हासिल की. इसके उपरांत 1984 में लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से उन्होंने पी एच डी की.
• वे राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल में कंसलटेंट के पद पर कार्यरत रहीं.
• वे हांगकांग और मकाऊ के साथ संविधिक प्रशासनिक टीम की मुख्य कार्यकर्ता भी रहीं.
• वर्ष 2000 में उन्हें मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल का प्रमुख बनाया गया.
• वर्ष 2004 में वे डीपीपी राजनैतिक दल से जुड़ीं.
• उन्हें डीपीपी द्वारा विधानमंडल में चयनित किया गया तथा वे लगातार इस पद पर बनीं रहीं.
• उन्हें 26 जनवरी 2006 को पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.
• वर्ष 2008 में उन्हें डीपीपी का अध्यक्ष बनाया गया लेकिन उनकी पार्टी राष्ट्रपति के चुनाव में हार गयी.
• अप्रैल 2011 को वे राष्ट्रपति पद की पहली महिला उम्मीदवार के रूप में नामांकित की  गयीं.
• वर्ष 2012 में भी उन्हें मा यिंग जेओ द्वारा हार का सामना करना पड़ा.
टिप्पणी
•    वर्ष 1949 में के एम टी नेशनलिस्ट ने माओ ज़ि दांग द्वारा चीन में सरकार बनाने के बाद ताइवान में सरकार बनाई.
•    के एम टी नेशनलिस्ट ने 70 वर्षों तक ताइवान में सत्ता पर शासन किया है तथा हाल में उन्होंने चीन के साथ रिश्तों के सुधरने में भी कामयाबी हासिल की है.
•    इस जीत से न केवल साई इंग वन को मजबूती मिली बल्कि केएमटी एवं चीन की भी सामाजिक-राजनैतिक स्थिति में सुधार हुआ है.

0 comments:

Post a Comment