यूनिसेफ ने बच्चों के लिए 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर कोष स्थापना की मानवीय अपील का लोकार्पण-(30-JAN-2016) C.A

| Saturday, January 30, 2016


26 जनवरी 2016 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने दुनियाभर के मानवीय आपात स्थितियों में रह रहे 43 मिलियन बच्चों तक पहुंचने के लिए 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर कोष स्थापना की अपील शुरु की. इसमें 2016 में पूर्वी यूक्रेन में युद्ध–से प्रभावित बच्चों की मदद के लिए 54.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अपील भी शामिल है.
  • यह पहली बार है जब अपील का सबसे बड़े हिस्से यानी 25 फीसदी को आपात स्थितियों में बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में समर्पित है.
  • योजना के अनुसार साल 2015 की शुरुआत में जहां संकटग्रस्त स्थानों के 4.9 मिलियन बच्चों को शिक्षा दी गई वहीं 2016 में इनकी संख्या बढ़ाकर 8.2 मिलियन की जाएगी. 5 मिलियन के आधे से भी अधिक सीरियाई बच्चे होंगे, चाहे वे देश में हों या आस– पड़ोस के देशों में.
  • बच्चों के लिए 2016 में यूनिसेफ की मानवीय कार्रवाई
  • इसकी अपील का लक्ष्य 63 देशों में कुल 76 मिलियन लोग हैं.
  • अपील का सबसे बड़ा खंड 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर, सीरिया के लिए जरूरी जीवन– रक्षक सहायता और मिस्र, इराक, जॉर्डन, लेबनान और तुर्की में सीरियाई शर्णार्थियों के संकट के लिए रखा गया है. मुख्य जरूरतों में साफ पानी, टीकाकरण, शिक्षा और बाल संरक्षण शामिल है.
  • यूरोप में शरणार्थियों और प्रवासी संकट के लिए यूनिसेफ द्वारा 30.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुरोध किया जा रहा है.
  • यमन, जहां संघर्ष के एक वर्ष पूरे होने को हैं, में, 10 मिलियन बच्चों को मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत है, में बच्चों के लिए 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अपील की जा रही है.
  • दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक बुरुंडी में बच्चों की रक्षा और रवान्डा और तन्जानिया में पलायन कर चुके बुरुंडी के शरणार्थियों की मदद करने के लिए 25.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अपील की गई है.
  • नाइजीरिया, कैमरुन, नाइजर और चाड में मानवीय सहायता के लिए 188.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर मांगी गई है. इसमें उत्तरपूर्व नाइजीरिया में हिंसा के नतीजों से निपटना भी शामिल है.
  • यूनिसेफ की अन्य अपीलों में पैसों की भारी कमी से जूझ रहे क्षेत्रों को कवर किया गया है. इसमें अफगानिस्तान का संकट, कांगों और सूडान के लोकतांत्रिक गणराज्य शामिल है जहां 2015 में 40 फीसदी कम धन दिया गया

0 comments:

Post a Comment