भारतीय खान ब्यूरो, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने खनन गतिविधि की निगरानी के लिए समझौता किया-(27-JAN-2016) C.A

| Wednesday, January 27, 2016
21 जनवरी 2016 को भारतीय खान ब्यूरो (IBM), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से खनन गतिविधि की निगरानी के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. 
इस समझौते पर आईबीएम के नियंत्रण महानिदेशक आर के सिन्हा और एनआरएससी के निदेशक वी के डाधवाल ने हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर केंद्रीय खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुभाष चंद्रा भी उपस्थित थे. 
यह समझौता सतत विकास और कीमती खनिज संसाधनों के समुचित उपयोग  में मदद करेगा और लाइसेंसियों द्वारा किसी प्रकार की विसंगतियों की जांच भी करेगा. 
समझौते की विशेषताएं–
• समझौते के तहत, आईबीएम नागपुर और हैदराबाद के अपने कार्यालयों में एनआरएससी के तकनीकी मार्गदर्शन में विशेष सुदूर संवेदन प्रकोष्ठ की स्थापना करेगा. 
• ये प्रकोष्ठ देश भर में खनन गतिविधियों की निगरानि के लिए भुवन– आधारित सेवाओं का उपयोग करेंगें.
• क्षेत्र से आंकड़ा एकत्र करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन का विकास किया जाएगा ताकि मंजूर प्रस्तावों के संदर्भ में जमीनी हकीकत का सत्यापन हो सके. 
• चुनींदा खानों के समूह में अवधि विशेष में हुए बदलावों की निगरानी में उपग्रह से मिले उच्च रेजल्यूशन वाले छवियों के उपयोग की व्यवहार्यता प्रदर्शित करने के लिए एनआरएससी एक पायलट प्रोजेक्ट चलाएगा. 
• आरंभ में  पायलट आधार पर परियोजना को ओडीशा और कर्नाटक के होशपेट क्षेत्र में शुरु किया जाएगा. 
• पायलट परियोजना लीज बाउंड्री सर्वे पोरग्राम के हिस्से के तौर पर एकत्र किए गए डिफ्रेंशियल जीयो पोजिशनिंग सिस्टम प्वाइंट्स की निरंरता के सत्यापन में मदद करेगी. 
• एक बार सफल होने के बाद राज्यों के साथ भागीदारी में अन्य क्षेत्रों में भी पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाएगा.
• तकनीक के उपयोग में आईबीएम स्टाफ के लिए एनआरएससी प्रशिक्षण का विस्तार करेगा, जिसे आने वाले समय में राज्य सरकारों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा.

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