थल सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने 14 जनवरी 2016 को दिल्ली कैंट में भारतीय सेना वेटरन्स निदेशालय का उद्घाटन किया. यह निदेशालय एक ही सम्पर्क स्थल पर पूर्व सैनिकों की कई प्रकार की देखभाल और सहायता सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराएगा और पूरे देश में रहने वाले पूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं या बच्चों की समस्याओं का समाधान करेगा.
एडजुटेंट जनरल शाखा के तहत इस नए निदेशालय का उद्घाटन भारतीय सेना में आयोजित प्रथम पूर्व-सैनिक दिवस के अवसर पर किया गया है. यह दिवस भारत के दो सबसे प्रसिद्ध सैन्य अधिकारी फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा और फील्ड मार्शल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ द्वारा क्रमशः 1953 और 1973 में की गई सक्रिय सेवा के त्याग का प्रतीक है.
विदित हो कि भारतीय सेना वेटरन निदेशालय (डीआईएवी) की स्थापना देश में पूर्व सैनिकों की देखभाल और सहायता के ढांचे का निर्माण करने की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में और बहुत किए जाने की जरूरत है जिन्हें नए निदेशालयों की स्थापना के परिणामस्वरूप प्राप्त किया जा सकता है. इस अवसर पर सेना प्रमुख ने ‘सम्मान’ नामक पत्रिका के पहले अंक का विमोचन भी किया. जिसमें देश निर्माण के बारे में पूर्व सैनिकों की भूमिका पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
विदित हो कि भारतीय सेना वेटरन निदेशालय (डीआईएवी) की स्थापना देश में पूर्व सैनिकों की देखभाल और सहायता के ढांचे का निर्माण करने की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में और बहुत किए जाने की जरूरत है जिन्हें नए निदेशालयों की स्थापना के परिणामस्वरूप प्राप्त किया जा सकता है. इस अवसर पर सेना प्रमुख ने ‘सम्मान’ नामक पत्रिका के पहले अंक का विमोचन भी किया. जिसमें देश निर्माण के बारे में पूर्व सैनिकों की भूमिका पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
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