केंद्र सरकार ने 10 दिसम्बर 2015 को प्याज़ का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 700 डॉलर से घटाकर 400 डॉलर प्रति टन किया. इसका निर्णय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में की गयी बैठक के दौरान किया गया.
एमईपी वह मूल्य है जिससे कम मूल्य पर कोई भी व्यापारी उक्त वस्तु को नहीं बेच सकता. इसमें बढ़ोतरी से निर्यात में कमी आती है तथा घरेलू सप्लाई भी बेहतर होती है.
एमईपी वह मूल्य है जिससे कम मूल्य पर कोई भी व्यापारी उक्त वस्तु को नहीं बेच सकता. इसमें बढ़ोतरी से निर्यात में कमी आती है तथा घरेलू सप्लाई भी बेहतर होती है.
इससे पहले 23 अगस्त 2015 को प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ाकर 700 डॉलर प्रति टन कर दिया गया था. इसकी मुख्य वजह प्याज़ की कीमतों का असामान्य रूप से बढ़ना था.
दिसंबर 2015 के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र सरकार ने प्याज़ की खुदरा कीमतें 10 रूपए प्रति किलो के स्तर पर आने पर केंद्र सरकार से प्याज़ की कीमतों को कम करने के लिए कहा था.
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