प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 2 नवम्बर 2015 को जर्मनी के साथ सौर ऊर्जा हेतु भारत और जर्मनी के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी गयी.
इस मंजूरी से भारत में सौर उर्जा का उपयोग बढ़ सकेगा तथा भारत में तकनीकी एवं आर्थिक लाभ भी बढ़ेगा. दोनों देशों के मध्य अक्टूबर 2015 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये थे.
इस समझौते के तहत जर्मनी भारत को अगले पांच वर्षों तक केएफडब्ल्यू द्वारा एक बिलियन यूरो का आसान लोन प्रदान करेगा. इस फण्ड का उपयोग सहयोगी बैंकों द्वारा उपयोगकर्ताओं को ऋण देने के लिए किया जायेगा.
इस मंजूरी से भारत में सौर उर्जा का उपयोग बढ़ सकेगा तथा भारत में तकनीकी एवं आर्थिक लाभ भी बढ़ेगा. दोनों देशों के मध्य अक्टूबर 2015 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये थे.
इस समझौते के तहत जर्मनी भारत को अगले पांच वर्षों तक केएफडब्ल्यू द्वारा एक बिलियन यूरो का आसान लोन प्रदान करेगा. इस फण्ड का उपयोग सहयोगी बैंकों द्वारा उपयोगकर्ताओं को ऋण देने के लिए किया जायेगा.
इससे होने वाले लाभ:
• सौर उपकरण लगाने में सहायता
• सोलर पार्क और सोलर ज़ोन का विकास किया जायेगा (इसे संभवतः ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के नज़दीक विकसित किया जायेगा)
• स्वच्छ एवं सुचारू उर्जा के लिए सोलर ऑफ़-ग्रिड एप्लीकेशन्स का विकास करना.
भारत ने वर्ष 2022 तक 100 जीडब्ल्यू की सोलर पॉवर इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
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