भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्ची का जलावतरण-(30-SEP-2015) C.A

| Wednesday, September 30, 2015
भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 30 सितम्बर 2015 को नौसैनिक डॉकयार्ड में नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि का जलावतरण किया. आईएनएस कोच्चि कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) के गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर्स में दूसरा युद्धपोत है.
इसे नौसेना के आंतरिक संगठन नौसैनिक डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया है और मुंबई में मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड में इसका निर्माण किया गया है. बंदरगाह शहर कोच्चि के नाम पर इसका नामकरण किया गया है. यह युद्धपोत दिल्ली श्रेणी के जहाजों की तुलना में बेहतर है विदित हो दिल्ली श्रेणी के युद्धपोत एक दशक से अधिक समय पहले नौसेना में शामिल किये गये थे. इसके अतिरिक्त इस युद्धपोत के शस्त्र और सेंसर अधिक आधुनिक हैं और युद्धपोत में रडार की पहुंच में नहीं आने जैसी उन्नत अवधारणाओं को शामिल किया गया है.
विशालकाय जहाज 164 मीटर लंबा और 17 मीटर गहरा है जो चार गैस टर्बाइन से चलता है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 30 नॉट तक की रफ्तार पकड़ सकता है. जहाज पर करीब 40 अधिकारी और चालक दल के 350 सदस्य सवार होंगे। कर्मचारियों की परिस्थिति और रहने की अनुकूल शैली के अनुरूप जहाज में रहने की व्यवस्था की गई है.
जहाज को इस तरह का ढांचा दिया गया है और रडार-पारदर्शी डेक फिटिंग का इस्तेमाल किया गया है कि इसकी रडार की पहुंच से दूरी रहने की विशेषता और उन्नत हुई है. जहाज को नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्सप के तौर पर वर्गीकृत किया गया है, जो शिप डाटा नेटवर्क (एसडीएन), कांबट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पॉवर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और ऑक्सिलरी कंट्रोल सिस्टम (एसीएस) से युक्त है.
इसमें लगा इजराइल निर्मित एमफ-स्टार रडार सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित टारगेट को पकड़ सकता है.
युद्धपोत की विशेषताएँ
• इस युद्धपोत को 30 नाट रफ्तार चार गैस टरबाइन से मिलेगी. 
• यह युद्धपोत 3300 समुद्री मील क्षेत्र की गश्त करने में सक्षम 
• इसके अतिरिक्त इस युद्धपोत में 40 अधिकारी और 350 नाविक सवार हो सकते हैं.
• ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, लंबी दूरी वाला समुद्र की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम, 76 मिमी व 30 मिमी की गन और एंटी सब टारपीडो और राकेट जैसे हथियारों से लैस है.
कोलकाता श्रेणी का युद्धपोत
आईएनएस कोच्चि कोलकाता श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है. इस श्रेणी का पहला पोत आईएनएस कोलकाता वर्ष 2014 के अगस्त माह में नौसेना को मिला था. जबकि तीसरा पोत आईएनएस चेन्नई 2016 के अंत तक सेना में शामिल होगा.