केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री नीतिन गडकरी ने 29 सितंबर 2015 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण, पौधारोपण, सौदर्यकरण और प्रबंधन) नीति 2015 जारी की.
राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और देश में हरित राजमार्ग के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे. इस सम्मेलन में हरित पट्टी की डिजाइन, रणनीतिक रूख, राष्ट्रीरय राजमार्ग के दोनों ओर सफल वृक्षारोपण के लिए कदम और पौधारोपण के जरिये वृक्षों को बचाना जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
हरित राजमार्ग नीति का उद्देश्य समुदाय, किसानों, निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठन और सरकारी संस्थानों की भागीदारी से राजमार्ग गलियारे की हरियाली को बढ़ाना है.
इस नीति के लागू होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उद्यमिता विकास के रूप में समुदाय को लाभ पहुंचेगा. इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा. इसका देश के आर्थिक विकास में भी योगदान होगा.
इस नीति के लागू होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उद्यमिता विकास के रूप में समुदाय को लाभ पहुंचेगा. इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा. इसका देश के आर्थिक विकास में भी योगदान होगा.
मुख्य आकर्षण
- हरित राजमार्ग नीति के अनुसार राजमार्ग परियोजना की कुल लागत का 1 प्रतिशत राजमार्गों के सौदर्यकरण के लिए रखा जाएगा.
- इन राजमार्गों का विकास समुदाय, किसान, एनजीओ, निजी क्षेत्र, सरकारी एजेंसियों और वन विभाग की भागीदारी से किया जाएगा.
- हरित राजमार्ग नीति के अनुसार, सरकार की एक वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर काम करने की योजना है और इसका 1 प्रतिशत (करीब 1000 करोड़ रुपये) राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ पौधारोपण पर खर्च किए जाने का प्रस्ताव है.
- इस योजना के कार्यान्वित होने से रोजगार के अवसर और उद्यमिता विकास करने में मदद मिलेगी.
- इस परियोजना का उद्देश्य वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करना है.
भारत में सड़कों की स्थिति
भारत में कुल करीब 48.65 लाख किलोमीटर सड़कें हैं, जिनमें से 92851 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. कुल सड़कों में राजमार्गो की हिस्सेदारी करीब 1.9 प्रतिशत है.
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