भारत ने 28 सितंबर 2015 को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के साथ 123.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस ऋण समझौते का उद्देश्य पंजाब, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में आधारभूत ढांचे का विकास करना है.
इस समझौते पर एडीबी के भारत में कंट्री डायरेक्टर एम टेरेसा खो, तथा वित्त मंत्रालय के आर्थिक विभाग (बहुपक्षीय संस्था) में संयुक्त सचिव राज कुमार ने हस्ताक्षर किये.
यह ऋण इन राज्यों में मौजूद पर्यटक स्थलों के संरक्षण में उपयोग किया जायेगा. इसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब की बुनियादी पर्यटन सुविधाओं में सुधार करने के लिए तथा क्षेत्र की एजेंसियों व स्थानीय समुदायों की क्षमता में सुधार करने के लिए उपयोग किया जायेगा.
इस समझौते पर एडीबी के भारत में कंट्री डायरेक्टर एम टेरेसा खो, तथा वित्त मंत्रालय के आर्थिक विभाग (बहुपक्षीय संस्था) में संयुक्त सचिव राज कुमार ने हस्ताक्षर किये.
यह ऋण इन राज्यों में मौजूद पर्यटक स्थलों के संरक्षण में उपयोग किया जायेगा. इसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब की बुनियादी पर्यटन सुविधाओं में सुधार करने के लिए तथा क्षेत्र की एजेंसियों व स्थानीय समुदायों की क्षमता में सुधार करने के लिए उपयोग किया जायेगा.
इसके अतिरिक्त इसका उपयोग सदियों पुराने ढांचों एवं विरासत संरचनाओं के संरक्षण का समर्थन करने में भी उपयोग किया जायेगा तथा तीनों राज्यों में शिल्प एवं कला केन्द्रों का भी विकास किया जायेगा. इको-पार्क और पारिस्थितिकी पर्यटन को भी अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त, स्थानीय समुदायों के आय स्रोत बढ़ाने के लिए 4,000 समुदाय सदस्यों को पर्यटन संबंधित प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसमें गाइड, शिल्प कला तथा अन्य मनोरंजन गतिविधियां शामिल होंगी. संरक्षण संबंधित कार्यों में लगभग 30 सामुदायिक सोसाइटी शामिल होंगी.
यह 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर समझौता है जिसे एडीबी द्वारा वर्ष 2010 में ‘पर्यटन हेतु बुनियादी ढांचा विकास निवेश कार्यक्रम’ के नाम से अनुमोदित किया गया था.
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