नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) क्षुद्रग्रहों और अन्य अंतरिक्ष चट्टानों की क्षमता का परीक्षण करने के लिए एक स्पेस शॉटगन विकसित कर रहा है.
यह घोषणा ब्रुकलीन आधारित हनीबी रोबोटिक्स ने वर्ष 2015 के सितम्बर माह के तीसरे सप्ताह में की. नासा, हनीबी रोबोटिक्स के साथ संयुक्त र्रोप से इस शॉटगन को विकसित कर रहा है. यह नासा के क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन मिशन का हिस्सा है.
क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन मिशन की विशेषताएं
• यह नासा का क्षुद्रग्रह सम्बन्धी पहला रोबोटिक मिशन है. इस मिशन के तहत क्षुद्रग्रह की सतह से नमूनों को इकठ्ठा किया जाएगा और क्षुद्रग्रहों को चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में पुनर्निर्देशित किया जाएगा.
• विदित हो प्रायः यह क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में अव्यवस्थित तरह से विचरण करते हैं.
• इस परीक्षण से सौर मंडल और पृथ्वी की जन्म ने जानकारी प्राप्त की जा सकेगी.
• मिशन के हिस्से के रूप में एक अंतरिक्ष यान वर्ष 2020 तक लॉन्च किया जाएगा.
• इसके साथ ही इस खोज के साथ क्षुद्रगृह से पृथ्वी को होने वाली क्षति को भी कम किया जा सकता है.
• यह विकास भविष्य में मार्स मिशन में भी मदद करेगा.
यह घोषणा ब्रुकलीन आधारित हनीबी रोबोटिक्स ने वर्ष 2015 के सितम्बर माह के तीसरे सप्ताह में की. नासा, हनीबी रोबोटिक्स के साथ संयुक्त र्रोप से इस शॉटगन को विकसित कर रहा है. यह नासा के क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन मिशन का हिस्सा है.
क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन मिशन की विशेषताएं
• यह नासा का क्षुद्रग्रह सम्बन्धी पहला रोबोटिक मिशन है. इस मिशन के तहत क्षुद्रग्रह की सतह से नमूनों को इकठ्ठा किया जाएगा और क्षुद्रग्रहों को चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में पुनर्निर्देशित किया जाएगा.
• विदित हो प्रायः यह क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में अव्यवस्थित तरह से विचरण करते हैं.
• इस परीक्षण से सौर मंडल और पृथ्वी की जन्म ने जानकारी प्राप्त की जा सकेगी.
• मिशन के हिस्से के रूप में एक अंतरिक्ष यान वर्ष 2020 तक लॉन्च किया जाएगा.
• इसके साथ ही इस खोज के साथ क्षुद्रगृह से पृथ्वी को होने वाली क्षति को भी कम किया जा सकता है.
• यह विकास भविष्य में मार्स मिशन में भी मदद करेगा.
क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन मिशन मार्स मिशन में कैसे मदद करेगा ?
वर्तमान में किसी आपातकाल स्थिति में प्रक्षेपित किए गए उपग्रह के पास रुकने का एक मात्र साधन स्पेस स्टेशन है. जो पृथ्वी से 400 किमी की दूरी पर है अतः मार्स जैसे लम्बी दूरी के मिशन के लिए यह दूरी और बढ़ जाएगी. परन्तु क्षुद्रग्रह को ग्रह की कक्षा में निर्देशित करके उसका प्रयोग स्पेस स्टेशन की तरह किया जा सकता है.
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