आंध्र प्रदेश के इब्राहिमपट्टनम में गोदावरी और कृष्णा नदियां औपचारिक रूप से जोड़ी गईं-(19-SEP-2015) C.A

| Saturday, September 19, 2015
हर वर्ष गोदावरी के बाढ़ का पानी जो समुद्र में जाकर बर्बाद होता था, का प्रबंध करने के लिए गोदावरी और कृष्णा नदियों को 16 सितंबर 2015 को आंध्र प्रदेश में औपचारिक रूप से जोड़ दिया गया.

इन दो नदियों को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा के नजदीक इब्राहिमपट्टन गांव के घाट पर गोदावरी से कृष्णा नदी में पानी छोड़कर औपचारिक रूप से जोड़ने का काम किया.

कृष्णा– गोदावरी के संगम के इस अवसर को यादगार बनाने के लिए “संगम को कृष्णा– गोदावरी पवित्र संगमम्” नाम दिया गया जिसका तेलुगु में अर्थ होता है “पवित्र संगम”.

इन दो नदियों को पश्चिमी गोदावरी जिले में पट्टिसम गांव पर गोदावरी नदी पर चल रहे पट्टिसीमा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत जोड़ा गया है. 
योजना के तहत, गोदावरी नदी से पानी को लिया जाएगा और पड़ोस के कृष्णा जिले से गुजरने वाली कृष्णा नदी की तरफ मोड़ दिया जाएगा. यहां से, पानी कृष्णा नदी में जाएगा और फिर उसे प्यासे रायलसीमा क्षेत्र में वितरित किया जाएगा.
मूल रूप से, गोदावरी और कृष्णा नदी को जोड़ने की कल्पना बहुउद्देशीय पोलावरम परियोजना के तहत की गई थी जिसे आंध्र प्रदेश के दो राज्यों – आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बंटने के साथ राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे दिया गया था.

हालांकि, लागत संबंधी चिंताओं की वजह से चंद्रबाबू नायडू सरकार ने परियोजना को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था.

नदियों को आपस में जोड़ना कैसे फायदेमंद होगा?

•    दो प्रमुख नदियों का राज्य में जोड़े जाने से गोदावरी के बाढ़ के 3000 टीएमसी पानी में से करीब 80 टीएमसी पानी का उपयोग किया जाएगा जो हर वर्ष समुद्र में मिल जाता है. 
•    कृष्णा नदी का डेल्टा क्षेत्र जून से अगस्त के बीच सिंचाई जल की भारी कमी से जूझता है. 
•    प्रकाशम बैराज के इब्राहिमपट्टनम के पास बना यह संगम कृष्णा और गुंटूर जिलों के किसानों के सपनों को पूरा करेगा. 
•    गोदावरी और कृष्णा नदियों को जोड़ने के बाद, राज्य सरकार पानी को सूखा संभावित रायलसीमा क्षेत्र की तरफ ले जाने की योजना बना रही है. 
•    इब्राहिमपट्टनम के करीब दो नदियों के संगम स्थल को आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा.

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