एडीबी ने 2016 के लिए भारत की विकास दर अनुमान को 7.8% से 7.4% किया-(30-SEP-2015) C.A

| Wednesday, September 30, 2015
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 22 सितंबर 2015 को वित्त वर्ष 2016 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर अनुमानों को कम कर दिया है. मार्च 2015 के आउटलुक में इसके 7.8% होने का अनुमान था जो अब 7.4% हो गया है. 

वित्त वर्ष 2015 के लिए, भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान लगाया गया है जो कि 8.2 फीसदी के पिछले अनुमान से कम है.
विकास अनुमानों में कमी की वजह औद्योगिक देशों में आर्थिक मंदी, कमजोर मानसून और कुछ महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों में ठहराव है. 

हालांकि, कुछ सकारात्मक बातें भी हैं जिससे अर्थव्यवस्था में उछाल आ सकती है और वे हैं– 
मुद्रास्फीति का कम होनाः रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2015 में मुद्रास्फीति के औसत 5 फीसदी पर रहने का अनुमान था, जो वित्त वर्ष 2016 में सुधरे हुए विकास और कमोडिटी मूल्यों में इजाफे से 5.5 फीसदी तक बढ़ेगा. लगातार न्यून उपभोक्ता मूल्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को वित्त वर्ष 2015 के दूसरी छमाही में ब्याज दरों को कम करने में मदद करेगा. वास्तविक अर्थव्यवस्था पर मौद्रिक सहजता के सकारात्मक प्रभाव आर्थिक सुधारों पर प्रगति के साथ मजबूत बनेगा. 

कर राजस्वः आम संपत्ति बिक्री की तुलना में अधिक के साथ कर राजस्व में अच्छा विकास, सरकार को पूंजीगत खर्च को 39% बढ़ाने की इजाजत देगा. 

शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाहः वित्त वर्ष 2015 की पहली तिमाही में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का स्तर पर पहुंच गया, साल– दर– साल बढ़ोतरी 29 फीसदी की रही, शुद्ध पोर्टफोलियो अंतःप्रवाह नकारात्मक रहा. 

चालू खाते का घाटाः वित्त वर्ष 2015 में, इसके जीडीपी का, हाल के वर्षों के काफी नीचे, 1.1 % रहने  का अनुमान है. ऐसा औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओँ में धीमे विकास और भारत के कुछ प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्राओं के कमजोर होने से हुआ है. वित्त वर्ष 2016 में तेल की कीमतों में सुधार और उद्योग एवं निवेश मांगों में सुधार की वजह से, जीडीपी के 1.5% से थोड़ा अधिक चालू खाता घाटे के साथ आयात और निर्यात दोनों ही में सुधार होगा.

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) 
एडीबी, मनीला में स्थिति है, ने समावेशी आर्थिक विकास, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकास और क्षेत्रीय एकीकरण के माध्यम से एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गरीबी को कम करने के लिए समर्पित है. इसकी स्थापना 1966 में हुई थी. इसका स्वामित्व 67 सदस्यों के पास है– जिसमें से 48 इलाके के हैं. साल 2014 में, एडीबी ने 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सह– वित्तपोषण के साथ कुल 22.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी.

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