जापान के डाइट ने सैन्य उपयोग के लिए सेल्फ डिफेंस फोर्सेज की विदेश नियुक्ति पर प्रतिबंध हटाया-(22-SEP-2015) C.A

| Tuesday, September 22, 2015
जापानी संसद द डाइट ने 18 सितंबर 2015 को दो सुरक्षा बिल पारित किए जो सैन्य उपयोग के लिए सेल्फ डिफेंस फोर्सेज की विदेशों में तैनाती की अनुमति देते हैं.

अशस्त्रीकरण बिल (remilitarization bills) को ऐतिहासिक कहा जा सकता है क्योंकि ये जापान को 70 वर्षों के बाद सैन्य समर्थक के तौर पर सक्रिए होने की अनुमति देते हैं.
जापान के संविधान के अनुच्छेद 9 शासन रूपरेखा में शांतिवाद का सिद्धांत है. 

1945 का संविधान अमेरिका द्वारा प्रायोजित था और ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध में पराजित जापान की युद्धोत्तेजक प्रवृत्तियों को कम करने के उद्देश्य से किया गया था.

सुरक्षा बिलों की विशेषताएं 
इनमें से एक मौजूदा 10 नियम सुरक्षा संबंधित कानूनों में विभिन्न एसडीएफ प्रतिबंधों को हटाने हेतु संशोधित करता है. इसमें अनुच्छेद 9 के काफी समय से चले आ रहे आत्म रक्षा पर लगा सामूहिक प्रतिबंध भी शामिल है. हालांकि, इसने अनुच्छेद के अर्थ को संशोधित किया गया है इसके मूल पाठ को नहीं. 
• इसमें एक नया स्थायी कानून बनाया गया है जो जापान को संयुक्त राष्ट्र–प्राधिकृत सैन्य संचालनों जिसमें विदेशी या बहुराष्ट्रीय सैन्यबल हों, के लिए रसद समर्थन हेतु एसडीएफ को विदेशों में तैनात करने की अनुमति देता है. 
• सैन्य बलों की तैनाती तीन शर्तों के अधीन है, ये शर्तें हैं
–जापान और करीबी सहयोगी पर हमाला किया गया हो/ जापान के अस्तित्व पर खतरा हो 
हमले के अलावा कोई अन्य उपाय न बचा हो 
सैन्य बलों का न्यूनतम उपयोग हो 

जापान के संविधान का अनुच्छेद 9

युद्ध का त्याग- न्याय और व्यवस्था पर आधारित अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए ईमानदार इच्छा के साथ, जापान के लोग हमेशा के लिए युद्ध का त्याग करते हैं, संप्रभुता राष्ट्र का अधिकार है और वे सैन्य बलों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए करते हैं. 

पिछले पैराग्राफ के उद्देश्य को पूरा करने के क्रम में थल, जल और वायु सेना के साथ– साथ अन्य युद्ध क्षमताएं, को कभी बनाए रखा नहीं जाएगा. राज्य की युद्धप्रियता के अधिकार को मान्यता नहीं दी जाएगी.
टिप्पणी जापान के रुख में इस बदलाव को एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और मुखरता की रौशनी में देखा जाना चाहिए. जापान के शांतिवादी संविधान की वर्तमान व्याख्या के तहत, जापान के सशस्त्र बलों को मित्रों या सहयोगियों की तरफ से तब तक लड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती जब तक कि जापानियों पर हमला न हो. इसलिए इसने जापान को सामूहिक आत्मरक्षा में शामिल होने से रोका है. 

वर्तमान में जापान के पास सिर्फ आत्म रक्षा बल (एसडीएफ) है जो भारत के अर्धसैनिक बलों के समान है और उन्हें विदेशों में सिर्फ मानवीय उद्देश्यों के लिए ही तैनात किया जा सकता है.

अशस्त्रीकरण बिल (remilitarization bills ) शिंजो अबे सरकार को उत्तर कोरिया और चीन के खिलाफ दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ सामूहिक आत्म रक्षा गठबंधनों के लिए पर्याप्त युद्ध सामग्री प्रदान करेगा. 

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार 2011 डॉलर के संदर्भ में 13 फीसदी की बढ़त साथ दो दशकों में पिछले वर्ष से सैन्य खर्च करने वाले देशों में जापान, ब्रिटेन के बाद, नौंवे स्थान पर बना हुआ है. 

इसके विपरीत चीन का रक्षा खर्च पांच गुना बढ़ा है जिसकी वजह से वह सातवें से दूसरे स्थान पर आ गया है.

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