विकलांगों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), विकलांग सशक्तिकरण ट्रस्ट फंड, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजे एंड ई) ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ 21 सितम्बर 2015 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
सहमति पत्र के अनुसार स्वावलंबन स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को सस्ती स्वास्थ्य बीमा योजना (पीडब्ल्यूडीएस) प्रदान करना है. इसका उद्देश्य सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति और विकलांग व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना भी है.
सहमति पत्र के अनुसार स्वावलंबन स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को सस्ती स्वास्थ्य बीमा योजना (पीडब्ल्यूडीएस) प्रदान करना है. इसका उद्देश्य सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति और विकलांग व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना भी है.
योजना की मुख्य विशेषताएं
बीमा योजना पीडब्ल्यूडी लाभार्थी, पति या पत्नी और दो बच्चों के लिए व्यापक कवर प्रदान करेगा.
पूरी उम्र के लिए बीमा का एक एकल प्रीमियम होगा.
इस योजना से 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच आयु वर्ग और प्रति वर्ष कम से कम 300000 रुपए की पारिवारिक आय के लाभार्थी लाभ उठा सकते हैं.
योजना फैमिली फ्लोटर के रूप में भी प्रति वर्ष 200000 रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करेगा.
समझौता ज्ञापन के तहत न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अस्पतालों का नेटवर्क बनाएगी, जो बीमित व्यक्ति को कैश लेस उपचार प्रदान करेंगे.
योजना को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजे एंड ई) और विकलांगों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की देख रेख में राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों की सक्रिय भागीदारी (सीआरसी) के माध्यम से लागू किया जाएगा.
पूरी उम्र के लिए बीमा का एक एकल प्रीमियम होगा.
इस योजना से 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच आयु वर्ग और प्रति वर्ष कम से कम 300000 रुपए की पारिवारिक आय के लाभार्थी लाभ उठा सकते हैं.
योजना फैमिली फ्लोटर के रूप में भी प्रति वर्ष 200000 रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करेगा.
समझौता ज्ञापन के तहत न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अस्पतालों का नेटवर्क बनाएगी, जो बीमित व्यक्ति को कैश लेस उपचार प्रदान करेंगे.
योजना को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजे एंड ई) और विकलांगों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की देख रेख में राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों की सक्रिय भागीदारी (सीआरसी) के माध्यम से लागू किया जाएगा.
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