भारत ने दक्षिण एशिया सैटेलाइट जीसैट-9 प्रक्षेपित किया-(06-MAY-2017) C.A

| Saturday, May 6, 2017
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 05 मई 2017 को अब तक का सबसे भारी अंतरिक्ष रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. जियोसिक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल (जीएसएलवी) द्वारा लॉन्च किया गया यह उपग्रह जीसैट-9 दक्षिण एशियाई देशों के लिए सहायक होगा.
ISRO launches South Asia Satellite

इस उपग्रह का उद्देश्य दक्षिण एशिया सैटेलाइट (जीसैट-9) को अंतरिक्ष में स्थापित करना है. संचार उपग्रह जीसैट-9 भारत सहित सात दक्षिण एशियाई देशों को संचार सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी दक्षेस देश इस भारतीय उपग्रह का लाभ उठा सकेंगे.
दक्षिण एशिया सैटेलाइट-जीसैट-9
•    यह संचार उपग्रह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अतिरिक्त बाकी सभी भारतीय पडो़सी देशों को संचार सुविधाएं मुहैया करागा.

•    इस उपग्रह की लागत करीब 235 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है.

•    इस उपग्रह का कार्यकाल 12 वर्ष है.

•    पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है.

•    इस उपग्रह से नेपाल, भूटान, मालद्वीव, बांग्लादेश और श्रीलंका को संचार सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी. पहले इस कार्यक्रम का नाम सार्क सेटेलाइट था लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बाहर हो जाने के बाद इसका नाम बदला गया.

•    इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में करीब 450 करोड़ रुपए की लागत आई है.
•    इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है.
लाभ
भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका जीसैट-9 का लाभ ले सकेंगे. इनमें से प्रत्येक देश को इस उपग्रह के कम से कम एक 12 केयू-बैंड के ट्रांसपोंडर्स के प्रयोग की सुविधा मिलेगी जिससे उनका संचारतंत्र मजबूत होगा. प्राकृतिक आपदा और आपातकालीन स्थिति में इस संचारतंत्र से सभी देशों को हॉटलाइन से जुड़ने की सुविधा भी मिलेगी. पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी दक्षेस देश इस भारतीय उपग्रह का लाभ उठा सकेंगे.

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