केंद्र सरकार ने न्‍यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी) लॉंच किया-(16-MAY-2017) C.A

| Tuesday, May 16, 2017
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के मंडी में न्‍यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी) लॉंच किया. न्‍यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी) देश के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) में लॉंच किया गया.

इस अवसर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य ‘टीका से बचाव वाली बीमारियों से देश में किसी भी बच्‍चे की मृत्‍यु नहीं होनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जे.पी. नड्डा के अनुसार सरकार शिशु मृत्‍यु दर को कम करने एवं अपने शिशुओं को स्‍वस्‍थ भविष्‍य उपलब्‍ध कराने हेतु वचनबद्ध है.

पीसीवी टीकाकरण के बारे में-
  • केंद्र सरकार ने बच्‍चों में मृत्‍यु दर एवं रुग्णता दर को कम करने हेतु आवश्यक कदम उठाए हैं.
  • भारत के बच्‍चों के उत्तम स्वास्थ्य हेतु रुटीन टीकाकरण को मजबूत बनाना एक अनिवार्य निवेश है. बच्चे ही देश का स्‍वस्‍थ भविष्‍य सुनिश्चित करेंगे.
  • पीसीवी बच्‍चों को निमोनिया एवं मेनिनजाइटिस जैसी न्‍यूमोकोकल बीमारियों के प्रचंड रूपों से सुरक्षा प्रदान करती है.
  • पहले चरण में यह टीका हिमाचल प्रदेश एवं बिहार एवं उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों के लगभग 21 लाख बच्‍चों को दिया जाएगा.
  • मिशन इंद्रधनुष के तहत अभी तक 2.6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण कराया जा चुका है.
  • निजी क्षेत्र में ये टीके अभी तक केवल समृद्ध वर्ग के लिए ही सुलभ थे, यूआईपी के तहत उन्‍हें उपलब्‍ध कराने के जरिये सरकार निर्धन एवं वंचित वर्गों के लिए भी समान रूप से उनकी उपलब्‍धता सुनिश्चित कर रही है.
  • भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में यह एक ऐतिहासिक उदाहरण और योग्‍य कदम है.
मिशन इंद्रधनुष के बारे में-
  • मिशन इंद्रधनुष अभियान को भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी बच्चों के टीकाकरण हेतु आरम्भ किया गया.
  • 'मिशन इंद्रधनुष' अभियान सुशासन दिवस 15 दिसंबर 2014 को प्रारंभ किया गया.
  • इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं.
  • या ऐसे बच्चे जिन्हें डिफ्थेरिया ,बलगम, टिटनस ,पोलियो ,तपेदिक ,खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी को रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगे हैं.
  • यह कार्यक्रम हर साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जाएगा.
  • पहले चरण में देश में 201 जिलों की पहचान की है, जिसमें 50 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगे हैं या उन्हें आंशिक रूप से टीके लगाए गए हैं.

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