भारतीय कार्यकर्ता संजय गुब्बी और पूर्णिमा बर्मन व्हिटली अवार्ड्स से सम्मानित-(20-MAY-2017) C.A

| Saturday, May 20, 2017
भारतीय कार्यकर्ता संजय गुब्बी और पूर्णिमा बर्मन को 18 मई 2017 को भारत में जानवरों और पक्षियों के संरक्षण के क्षेत्र में काम हेतु व्हिटली अवार्डस से सम्मानित किया गया.
इन पुरस्कारों को ‘ग्रीन ऑस्कर’ भी कहा जाता है. ब्रिटेन में पंजीकृत चैरिटी ‘व्हिट्ले फंड फॉर नेचर’ (डब्ल्यूएफएन) ने 2017 के अवार्ड के लिए छह व्यक्तियों की अंतिम सूची घोषित की है.
ये दोनों भारतीय 166 देशों से चुने गए 6 वैश्विक विजेताओं में शामिल हैं. इस वर्ष के अन्य विजेता में:
•    इंदिरा लैकर्न (फ़िलीपींस)
•    इयान लिटिल (दक्षिण अफ्रीका)
•    अलेक्जेंडर ब्लैंको (वेनेजुएला)
•    ज़िमेना वेलेज़ (बोलीविया)
प्रत्येक विजेता को पुरस्कार राशि के तौर पर एक साल में 35,000 पाउंड (45,374 अमेरिकी डॉलर) की रकम मिलेगी.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहद प्रतिष्ठित यह पुरस्कार दुनिया के विकासशील देशों में प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर असाधारण काम करने वाले व्यक्ति को दी जाती है, खासकर ऐसे व्यक्ति को, जिन्हें संरक्षण कार्य में मानवीय, पर्यावरणीय या राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
असम के कामरूप जिले की रहने वाली पूर्णिमा बर्मन पिछले कई वर्षो से गरुड़ पक्षी और उसके प्राकृतिक वास को बचाने में जुटी हुई हैं. पूर्णिमा बर्मन ने वर्ष 2009 से गरुड़ पक्षी और उसके प्राकृतिक वास को बचाने में जुटी हुई हैं.
संजय गुब्बी को कर्नाटक के बाघ कॉरीडोर के संरक्षण की दिशा में काम करने हेतु यह यह पुरस्कार दिया गया. संजय गुब्बी ने प्रकृति के साथ काम करने के लिए अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी.

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