मुंबई एवं कोटा विश्व के सबसे अधिक भीड़ वाले शहरों में शामिल: विश्व आर्थिक मंच-(27-MAY-2017) C.A

| Saturday, May 27, 2017
UN habitat
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक मंच) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के मुंबई एवं कोटा विश्व के सबसे अधिक भीड़ वाले शहरों में शामिल हैं. इस सूची में ढाका प्रथम स्थान पर है इसके बाद भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का नम्बर है.

विश्व की आधी से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रह रही है और संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 2050 तक यह अनुपात बढ़कर 66 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें एशिया और अफ्रीका में ही 90 प्रतिशत तक आबादी शहरों में रह रही होगी.
मुख्य बिंदु

•    बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जनसंख्या का घनत्व 44,500 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है.

•    मुंबई में जनसंख्या का घनत्व 31,700 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. 

•    भारत के ही एक और राज्य राजस्थान में स्थित शहर कोटा का जनसंख्या का घनत्व 12,100 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. कोटा इस सूची में सातवें स्थान पर मौजूद है.

•    इस सूची में कोलंबिया का मेडेलिन शहर तीसरे नंबर पर है. यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 19,700 लोग रहते हैं. 

•    मनीला (फिलीपींस) में 14,800 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर में रहे रहे हैं. यह स्थान चौथे नंबर पर रहा.

•    मोरक्को का कासाब्लांका, प्रति वर्गकिलोमीटर 14200 लोगों के साथ पांचवें, नाइजीरिया का लागोस, 13300 लोगों के साथ छठे स्थान, सिंगापुर 10200 लोग के साथ आठवें और इंडानेशिया का जकार्ता शहर प्रति किलोमीटर 9600 लोगों का निवास स्थान होने के साथ नौवें नंबर पर रहा.

यूएन हैबिटैट

इसकी स्थापना वर्ष 1978 में की गयी थी. वर्ष 1976 में कनाडा के वेंकूवर में मानव अधिवास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें मानव अधिवासन क्रिया-कलापों के संगठन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अधीन एक विशिष्ट निकाय की अनुशंसा की गयी. इसी अनुशंसा के अंतर्गत महासभा द्वारा 1977 में आवास-निर्माण-नियोजन समिति की आर्थिक व सामाजिक परिषद के अधीन मानव अधिवास आयोग (सीएचएस) में बदल दिया गया. वर्ष 1978 में इस आयोग की सेवाएं प्रदान करने तथा इसके प्रस्तावों को लागू करने के लिए यूएनसीएचएस की स्थापना की गयी इसका केन्द्र नैरौबी में स्थित है.

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