पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में 'डीप ओशन मिशन' का शुभारंभ करेगा-(31-MAY-2017) C.A

| Wednesday, May 31, 2017
केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में ‘डीप ओशन मिशन’ का शुभारंभ करने के लिए तैयार है. यह मिशन समुद्र अनुसंधान क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति को बेहतर करेगा.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने 30 मई 2017 को इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की. भारत के अग्रणी निवेशक के दर्जे के तीन दशक – उपलब्धियां एवं आगे का रास्ता विषय पर आयोजित कार्यशाला में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य एम एस नागर, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. वीएसएन मूर्थि भी मौजूद थे.
भारत विश्व का पहला ऐसा देश है जिसे गहरे समुद्र में खनन अन्वेषण के लिए पर्याप्त क्षेत्र दिया गया था. वर्ष 1987 में भारत को केन्द्रीय हिन्द महासागर बेसिन में पॉलिमेटालिक नोड्यूल्स में अन्वेषण का मौका मिला था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय पॉलिमेटालिक मोड्यूल कार्यक्रम के अंतर्गत नोड्यूल खनन हेतु सीएसआईआर-एनआईओ द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन, सीएसआईआर-नेशनल मेटालर्जिकल लैबोरेट्री और सीएसआईआर- खनिज एवं धातु प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा धातु निष्कर्षण प्रक्रिया विकास और राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा खनन प्रौद्योगिकी विकास अध्ययन किया गया.
संसाधन मूल्यांकन के आधार पर, भारत के पास लगभग 100 मिलियन टन सामरिक धातुओं जैसे कॉपर, निकेल, कोबाल्ट और मैंगनीज और आयरन के अनुमानित संसाधन के साथ लगभग 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है.

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