भारत में सफल गर्भ ट्रांसप्लांट पहली बार पुणे किया गया-(22-MAY-2017) C.A

| Monday, May 22, 2017
पुणे स्थित गैलेक्सी हास्पिटल में देश का पहला गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन 19 मई 2017 की रात सफलतापूर्वक किया गया. ट्रांसप्लांट हेतु मां ने अपनी 21 वर्षीय बेटी को अपना गर्भ डोनेट किया. 

बेटी गर्भ धारण करने में असमर्थ थी. इसलिए मां ने ही अपना गर्भ बेटी को दिया. चिकित्सकों के दाल ने नौ घंटे तक यह ओपरेशन किया. लेप्रोस्कोपी द्वारा किया गया यह देश का पहला गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन है.

मुख्य समस्या-
  • मूल रुप से सोलापुर के अक्लकोट निवासी 21 वर्षीय महिला की शादी एक वर्ष पूर्व हुई. शादी के 6 महीने बाद महिला डाक्टर के पास चेकअप हेतु गई तो पता लगा कि महिला का गर्भाशय ही नहीं है.
  • इससे पहले 21 वर्षीय इस महिला का चार बार एबॉर्शन हुआ. जिसकी वजह से वो अपने बच्चों को खो चुकी. ऐसे में इस महिला कामां बनना मुश्किल था. अंत में महिला की 41 वर्षीय मां ने अपना गर्भाशय बेटी को डोनेट करने का फैसला किया.
  • यह ट्रांसप्लांटेशन सोलापुर में संभव नहीं था. अंतत: यह रिस्क पुणे के गैलेक्सी हास्पिटल के डा. शैलेश पुणे तांबेकर और उनकी टीम ने उठाया.
  • लैप्रोस्कोपी द्वारा किए जाने वाले इस गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन हेतु किन्ही भी विषम परिस्थितियों का सामना करने हेतु राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग से परमिशन ली गई. राज्य सरकार ने गैलेक्सी केयर अस्पताल को कुछ ही दिनों पहले गर्भ ट्रांसप्लांट का लाइसेंस दिया.
  • ट्रांसप्लांटेशन हेतु 12 डाक्टरों की टीम गठित की गई. जिसमें विदेश के भी डाक्टर सम्मिलित किए गए.
नौ घंटे तक चला ट्रांसप्लांटेशन-
  • 18 मई 2017 की दोपहर 12 बजे ट्रांसप्लांटेशन ऑपरेशन शुरु किया गया. पहले 6 डाक्टरों की टीम ने डोनर महिला का गर्भाशय निकाला. इसमें चिकित्सकों के दल को पांच घंटे का समय लगा.
  • इस गर्भाशय को जरूरतमंद महिला को ट्रांसप्लांट करने में चार घंटे का समय लगा. नौ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद रात 9 बजे यह ट्रांसप्लांटेशन सफल हुआ.
  • इस ट्रांसप्लांटेशन के लिए चिकित्सकों द्वारा पीड़ित किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ली गई. चिकित्सकों का दल तीन और ट्रांसप्लांटेशन भी मुफ्त में करेगा.
पूर्ण सफलता 3 सप्ताह बाद-
गर्भ डोनेट करने वाली मां और जिस महिला का गर्भाश्य ट्रांसप्लांट हुआ है दोनों ही स्वस्थ है. गर्भ ट्रांसप्लांट कितनी हद तक सफल हुआ इसकी असल जानकारी 3 सप्ताह बाद मिलेगी. गैलेक्सी केअर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स द्वारा ये ट्रांसप्लांट 12 डॉक्टर्स की टीम की देख-रेख में किया गया.

अब तक 25 सर्जरी-
18 मई 2017 से पहले बच्चेदानी का ट्रांसप्लांट 2012 में स्वीडन में किया गया. जिस महिला का गर्भ ट्रांसप्लांट हुआ था वो 2014 में मां बनी. दुनियाभर में अब तक 25 ऐसी सर्जरी हो चुकी हैं जिसमें गर्भाश्य‍ ट्रांसप्लांट हुआ.

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