केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 मई 2017 को 10 स्वदेशी प्रेशरिज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
प्रत्येक रिएक्टर की क्षमता 700 मेगावाट होगी और इस तरह से कुल 10 इकाइयों की क्षमता 7000 मेगावाट होगी. इससे देश की परमाणु उर्जा उत्पादन क्षमता को काफी ताकत मिलेगी.
इससे देश में परमाणु ऊर्जा से बिजली पैदा करने को काफी प्रोत्साहन मिलेगा. वर्तमान में भारत परमाणु ऊर्जा से 6,780 मेगावॉट बिजली पैदा करता है.
भारत के पास 22 परिचालन संयंत्रों से 6780 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है. एक और 6700 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा परियोजना के तहत 2021-22 तक प्रोजेक्ट्स के जरिए आने की उम्मीद है.
इस परियोजना के फलस्वरूप 33,400 रोजगार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सृजित होने की उम्मीद है. इसके साथ ही घरेलू उद्योग के लिए आर्डर भी प्राप्त होंगे. यह परियोजना एक महत्वपूर्ण परमाणु विनिर्माण देश के रूप में भारत की विश्वसनीयता और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10 परमाणु इकाइयों के निर्माण को मंजूरी दिए जाना भारत में वैज्ञानिक समुदाय को अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता का निर्माण करने की भावना का प्रतीक है.
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