केन्द्रीय कैबिनेट ने कोल लिंकेज पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की-(18-MAY-2017) C.A

| Thursday, May 18, 2017
केंद्र सरकार ने 17 मई 2017 को कोल लिंकेज पॉलिसी को स्वीकृति प्रदान प्रदान की. केंद्र सरकार के इस निर्णय से बिजली कंपनियों को बडे पैमाने पर राहत मिलेगी. कोल लिंकेज पॉलिसी के तहत रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से पावर प्लांट्स के लिए फ्यूल की सप्लाई सुनिश्चित की जा सकेगी.

कोल लिंकेज पॉलिसी के बारे में-
  • कोल लिंकेज पॉलिसी को मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में प्रदान की गयी.
  • इस पालिसी के माध्यम से प्रोड्यूसर्स ऑर्गनाइज्ड तरीके से पावर प्लांट्स को फ्यूल की आपूर्ति सुनिश्चत कर सकेंगे.
  • केंद्र सरकार की पहल से इंटरनेशनल मार्किट की कंडीशंस के अनुरूप ड्राई फ्यूल की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिली है,साथ ही डॉमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ावा मिला है.
कोल लिंकेज पॉलिसी के लाभ-
  • पावर प्लांट्स को कॉम्पीटिटिव रेट्स पर कोल लिंकेज उपलब्ध कराने हेतु एक व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है.
  • सरकार पावर प्लांट्स को उनके शिड्यूल्स के तहत ड्राई फ्यूल की सोर्सिंग हेतु उचित व्यवस्था की संरचना करेगी.
  • कोल लिंकेज पॉलिसी के बाद बिजली कंपनियां कोल लिंकेज हासिल करने के लिए कोल इंडिया (सीआईएल) नोटिफाइड प्राइस पर बिड लगा सकेंगी.
  • पावर के लिए कोल लिंकेज ऑक्शन पॉलिसी को ‘शक्ति’ नाम प्रदान किया गया है.
  • नीति के अनुसार स्टेट, सेंट्रल जेनरेटिंग कंपनियां और ज्वाइंट वेंचर्स को पावर मिनिस्ट्री की सिफारिशों के आधार पर लिंकेज मिलेगा.
ऊर्जा मन्त्री पीयूष गोयल के अनुसार पावर सेक्टर के लिए एक नई कोल अलोकेशन पॉलिसी ‘शक्ति’ की पेशकश को मंजूरी दी गई है.

केन्द्रीय कैबिनेट के अन्य फैसले-
  • इसके अलावा कैबिनेट ने कई अन्य फैसलों को भी मंजूरी प्रदान की.
  • कैबिनेट ने मैटरनिटी बेनिफिट प्रोग्राम को भी मंजूरी दे दी. इस योजना का लाभ सिर्फ पहले बच्चे के जन्म पर मिलेगा.
  • ब्लैकमनी से संबंधित टैक्स ट्रीटीज में संशोधन का अहम फैसला भी लिया गया.
  • कैबिनेट ने बेस में कमी और प्रॉफिट शेयरिंग में में कमी को रोकने के उपायों से संबंधित टैक्स ट्रीटी को लागू करने के लिए मल्टीलेटरल कन्वेंशन पर भारत के हस्ताक्षर को भी मंजूरी दी.
  • कैबिनेट ने भारत के लिए स्वदेशी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर्स की 10 यूनिट्स के निर्माण को मंजूरी प्रदान की.
  • इसके साथ ही असम में एक इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना को मंजूरी दी गई.

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