भारत सरकार, उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उत्तर प्रदेश डिस्कॉम्स (दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) की ओर से ‘उदय’ – ‘उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना’ के तहत 30 जनवरी 2016 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. डिस्कॉम्स का परिचालन और वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए यह समझौता ज्ञापन किया गया.
‘उदय’ योजना क्यों
• ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उत्तर प्रदेश भी ‘उदय’ को स्वीकार करने वाले राज्यों की सूची में भी शामिल हो गया.
• राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ‘उदय’ के तहत पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. देश में वितरण कंपनियां कर्ज के भारी बोझ से जूझ रही हैं.
• 30 सितंबर 2015 तक डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 4.3 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया. इन कंपनियों को कर्ज के बोझ से राहत प्रदान करने और उनका समग्र प्रदर्शन सुधारने के लिए भारत सरकार ने सभी हितधारकों, मुख्यत: राज्य सरकारों, डिस्कॉम्स और कर्जदाताओं के साथ विचार-विमर्श की एक लंबी प्रक्रिया के बाद 20 नवंबर, 2015 को ‘उदय’ की शुरूआत की.
• ‘उदय’ का उद्देश्य कर्ज में डूबी वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता के लिए स्थायी समाधान निकालना और उनकी परिचालन क्षमता में सुधार लाना है.
उत्तर प्रदेश को लाभ
• उत्तर प्रदेश सरकार डिस्कॉम के कर्ज से 39,900 करोड़ रूपए वहन करेगी.
• बदलाव की प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश और डिस्कॉम्स अनिवार्य फीडर और ट्रांसफामर्स मीटरों का वितरण, उपभोक्ता इंडेक्स एवं नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड/बदलना, मीटर इत्यादि, बड़े ग्राहकों के लिए समार्ट मीटरिंग जैसे कदमों के जरिए परिचालन दक्षता लाने का प्रयास करेंगे.
• इससे पारेषण (ट्रांसमिशन) और एटीएंडसी के नुकसान को कम किया जा सकेगा. इसके अलावा बिजली की आपूर्ति और वसूली के बीच के अंतर को समाप्त किया जा सकेगा.
• इस दौरान एटीएंडसी और पारेषण नुकसान में क्रमश: 15 प्रतिशत और 3.95 प्रतिशत की कमी लाकर 17,700 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा.
• इससे डिस्कॉम को लगभग 200 करोड़ रूपए की ब्याज लागत की बचत होने की उम्मीद है.
• ‘उदय’ के माध्यम से बदलाव की अवधि में ब्याज लागत में बचत करने, एटीएंडसी और ट्रांसमिशन नुकसान में कमी लाने, ऊर्जा दक्षता के उपायों को अपनाने और कोयला सुधार आदि से उत्तर प्रदेश को लगभग 33,000 करोड़ रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा.
• ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उत्तर प्रदेश भी ‘उदय’ को स्वीकार करने वाले राज्यों की सूची में भी शामिल हो गया.
• राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ‘उदय’ के तहत पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. देश में वितरण कंपनियां कर्ज के भारी बोझ से जूझ रही हैं.
• 30 सितंबर 2015 तक डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 4.3 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया. इन कंपनियों को कर्ज के बोझ से राहत प्रदान करने और उनका समग्र प्रदर्शन सुधारने के लिए भारत सरकार ने सभी हितधारकों, मुख्यत: राज्य सरकारों, डिस्कॉम्स और कर्जदाताओं के साथ विचार-विमर्श की एक लंबी प्रक्रिया के बाद 20 नवंबर, 2015 को ‘उदय’ की शुरूआत की.
• ‘उदय’ का उद्देश्य कर्ज में डूबी वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता के लिए स्थायी समाधान निकालना और उनकी परिचालन क्षमता में सुधार लाना है.
उत्तर प्रदेश को लाभ
• उत्तर प्रदेश सरकार डिस्कॉम के कर्ज से 39,900 करोड़ रूपए वहन करेगी.
• बदलाव की प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश और डिस्कॉम्स अनिवार्य फीडर और ट्रांसफामर्स मीटरों का वितरण, उपभोक्ता इंडेक्स एवं नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड/बदलना, मीटर इत्यादि, बड़े ग्राहकों के लिए समार्ट मीटरिंग जैसे कदमों के जरिए परिचालन दक्षता लाने का प्रयास करेंगे.
• इससे पारेषण (ट्रांसमिशन) और एटीएंडसी के नुकसान को कम किया जा सकेगा. इसके अलावा बिजली की आपूर्ति और वसूली के बीच के अंतर को समाप्त किया जा सकेगा.
• इस दौरान एटीएंडसी और पारेषण नुकसान में क्रमश: 15 प्रतिशत और 3.95 प्रतिशत की कमी लाकर 17,700 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा.
• इससे डिस्कॉम को लगभग 200 करोड़ रूपए की ब्याज लागत की बचत होने की उम्मीद है.
• ‘उदय’ के माध्यम से बदलाव की अवधि में ब्याज लागत में बचत करने, एटीएंडसी और ट्रांसमिशन नुकसान में कमी लाने, ऊर्जा दक्षता के उपायों को अपनाने और कोयला सुधार आदि से उत्तर प्रदेश को लगभग 33,000 करोड़ रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा.
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