स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव के दौरान ‘बर्थ कम्पेनियन’ की उपस्थिति को मंजूरी दी-(28-FEB-2016) C.A

| Sunday, February 28, 2016
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए 25 फरवरी 2016 को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव के दौरान ‘बर्थ कम्पेनियन’की उपस्थिति को मंजूरी दी गई.

पिछले कई वर्षों के दौरान मंत्रालय ने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन उपरोक्त कदम से और कमी आने की संभावना बढ़ेगी.
बर्थ कम्पेनियन

•    बर्थ कम्पेनियन वे महिलाएं होंगी जिन्हें प्रसव और शिशु जन्म के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त होगा.
•    बर्थ कम्पेनियन प्रसव के दौरान माताओं को भावनात्मक समर्थन देंगी और प्रसव संबंधी विभिन्न तकनीकों के इस्तेमाल से प्रसव पीड़ा कम करने और सहने में मदद करेंगी.
•    प्रसव के दौरान महिला के पति भी बर्थ कम्पेनियन के रूप में उपस्थित रह सकते हैं.

बर्थ कम्पेनियनों की नियुक्ति हेतु शर्तें 

•    उक्त महिला को किसी भी तरह का संक्रामक रोग नहीं होना चाहिए.
•    उनके वस्त्र साफ-सुथरे होने चाहिए.
•    उन्हें प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के साथ पूरे समय रहने के लिए तैयार होना चाहिए.
•    उक्त महिला अस्पताल के स्टाफ और उपचार प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नही करेगी.
•    वे लेबर रूम में उपस्थित अन्य महिलाओं की सेवा का दायित्व वहन नहीं करेंगी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कथन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बर्थ कम्पेनियन की नियुक्ति को प्रोत्साहित किया है. मातृ और प्रसव-पूर्व स्वास्थ्य सुविधा संबंधी कार्य योजना में मातृ और शिशु के स्वास्थ्य की देखरेख तथा प्रसव के दौरान बर्थ कम्पेानियन की उपस्थिति से माताओं और बच्चों की देखभाल शामिल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रशिक्षित बर्थ कम्पेनियन प्रसव पीड़ा और प्रसवकाल कम करने में योगदान करेंगी.

0 comments:

Post a Comment