छत्तीसगढ़ में रेलवे से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन हेतु रेल मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार ने 09 फरवरी 2016 को एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं.
- रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में रेल मंत्रालय और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये.
- रेल मंत्रालय की ओर से कार्यकारी निदेशक/वर्क्स वेद प्रकाश डुडेजा और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग विभाग में सचिव सुबोध कुमार सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये.
- रेल मंत्री ने विशेषकर परियोजना विकास, संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन और महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की निगरानी के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यमों की स्थापना के लिए बजट में जो घोषणा की थी, उसी के मद्देनजर इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये.
- योजना का उद्देश्य देश के हर कोने में भारतीय रेल लाइनों को पहुँचाने का प्रयास है.
एमओयू की खास बातें-
- इस एमओयू के तहत गठित की जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनियों में राज्य सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी और रेल मंत्रालय की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी.
- इस तरह संयुक्त उद्यम कंपनियों पर राज्य सरकार का ही स्वामित्व होगा.
- ये कंपनियां मुख्यत: परियोजनाओं की पहचान करेंगी और भारत सरकार तथा राज्य सरकार के अलावा वित्त पोषण के संभावित अवसरों को तलाशेंगी.
- परियोजना के लिए वित्त का इंतजाम हो जाने के बाद परियोजना विशेष के एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) का गठन किया जायेगा.
- इन एसपीवी में उद्योगों, केन्द्रीय पीएसयू, राज्य पीएसयू इत्यादि की ओर से अन्य हितधारक हो सकते हैं.
- रेल मंत्रालय सुरक्षित एवं बेहतर परिचालन, राजस्व हिस्सेदारी और एसपीवी को तकनीकी एवं विपणन लॉजिस्टिक्स मुहैया कराने के लिए परियोजना के एसपीवी के साथ 30 वर्षों के एक रियायती समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
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