भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 19 फरवरी 2016 को उच्च जोर क्रायोजेनिक इंजन ‘क्रायो सीई-20’ का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण 640 सेकेंड की उड़ान अवधि के लिए किया गया.
मुख्य तथ्य:
• उच्च जोर क्रायोजेनिक इंजन ‘क्रायो सीई-20’ स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया क्रायोजेनिक इंजन है.
• पूरी तरह स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का विकास दिसंबर 2016 में होने वाले जीएसएलवी एमके3 के प्रक्षेपण के लिए एक बड़ी उपलब्धि.
• महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्सन काम्पलेक्स (आइपीआरसी) में यह परीक्षण पूरा हुआ.
• इसके इंजन की पहचान जीएसएलवी एमके3 के लिए की गई है.
• इसका दो अल्प अवधि परीक्षण पहले ही हो चुका है.
• इस परीक्षण के दौरान बार-बार इंजन प्रज्वलन विशेषता सामने आई और इसका प्रदर्शन भी बेहतर रहा.
• उच्च जोर क्रायोजेनिक इंजन ‘क्रायो सीई-20’ स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया क्रायोजेनिक इंजन है.
• पूरी तरह स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का विकास दिसंबर 2016 में होने वाले जीएसएलवी एमके3 के प्रक्षेपण के लिए एक बड़ी उपलब्धि.
• महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्सन काम्पलेक्स (आइपीआरसी) में यह परीक्षण पूरा हुआ.
• इसके इंजन की पहचान जीएसएलवी एमके3 के लिए की गई है.
• इसका दो अल्प अवधि परीक्षण पहले ही हो चुका है.
• इस परीक्षण के दौरान बार-बार इंजन प्रज्वलन विशेषता सामने आई और इसका प्रदर्शन भी बेहतर रहा.
0 comments:
Post a Comment