रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल की उपस्थिति में 11 फरवरी 2016 को रेल मंत्रालय एवं तेलंगाना सरकार के मध्य ‘तेलंगाना राज्य में रेल ढांचे के विकास के लिए संयुक्त उद्यम कंपनियों के निर्माण’के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.
ज्ञात हो 17 राज्यों ने पहले ही संयुक्त उद्यम कंपनियों की स्थापना के लिए सहमति दे दी है और 5 राज्यों ने पहले ही इस बारे में रेल मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा.
ज्ञात हो 17 राज्यों ने पहले ही संयुक्त उद्यम कंपनियों की स्थापना के लिए सहमति दे दी है और 5 राज्यों ने पहले ही इस बारे में रेल मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा.
समझौते के मुख्य बिंदु
• इस एमओयू के तहत गठित की जाने वाली संयुक्तर उद्यम कंपनियों में राज्य सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी और रेल मंत्रालय की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी.
• इस तरह संयुक्त उद्यम कंपनियों पर राज्य सरकार का ही स्वामित्त होगा.
• ये कंपनियां मुख्य्त: परियोजनाओं की पहचान करेंगी और भारत सरकार तथा राज्य सरकार के अलावा वित्त पोषण के संभावित अवसरों की पहचान करेंगी.
• परियोजना के लिए वित्त का इंतजाम हो जाने के बाद परियोजना विशेष के एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) का गठन किया जायेगा.
• इन एसपीवी में उद्योगों, केन्द्रीय पीएसयू, राज्य पीएसयू इत्यादि की ओर से अन्य हितधारक भी हो सकते हैं.
• रेल मंत्रालय सुरक्षित एवं बेहतर परिचालन, राजस्व हिस्सेदारी और एसपीवी को तकनीकी एवं विपणन लॉजिस्टिक्स मुहैया कराने के लिए परियोजना के एसपीवी के साथ 30वर्षों के एक रियायती समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
• इस तरह संयुक्त उद्यम कंपनियों पर राज्य सरकार का ही स्वामित्त होगा.
• ये कंपनियां मुख्य्त: परियोजनाओं की पहचान करेंगी और भारत सरकार तथा राज्य सरकार के अलावा वित्त पोषण के संभावित अवसरों की पहचान करेंगी.
• परियोजना के लिए वित्त का इंतजाम हो जाने के बाद परियोजना विशेष के एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) का गठन किया जायेगा.
• इन एसपीवी में उद्योगों, केन्द्रीय पीएसयू, राज्य पीएसयू इत्यादि की ओर से अन्य हितधारक भी हो सकते हैं.
• रेल मंत्रालय सुरक्षित एवं बेहतर परिचालन, राजस्व हिस्सेदारी और एसपीवी को तकनीकी एवं विपणन लॉजिस्टिक्स मुहैया कराने के लिए परियोजना के एसपीवी के साथ 30वर्षों के एक रियायती समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
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