अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने अनिद्रा हेतु जिम्मेवार जीन की पहचान की. इसकी घोषणा फरवरी 2016 में की गई.
उपरोक्त खोज तेजी से बढ़ रही अनिद्रा और नींद से जुड़ी अन्य परेशानियों के इलाज की दिशा में सहायक साबित हो सकती है. इसकी पहचान से अनिद्रा से निपटने के लिए कारगर इलाज ढूंढ़ना संभव होगा. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने अपने खोज में पाया कि जीन ‘न्यूरोमेडिन’ की अति सक्रियता अनिद्रा की वजह बनती है. शोधकर्ताओं के समूह प्रमुख डेविड प्रोबर के अनुसार, खोजे गए जीन न्यूरोमेडिन से नींद से जुड़ी बहुत सी बातों की जानकारी मिल सकती है.
शोधकर्ताओं ने अभी जेब्राफिश (मछली की प्रजाति) पर इस अध्ययन को अंजाम दिया है. जेब्राफिश रात ढलते ही जागने लगती है और जैसे-जैसे रोशनी बढ़ती है, इसकी सक्रियता बढ़ जाती है. शोध में पाया गया कि ऐसी जेब्राफिश जिनमें यह जीन नहीं होता वह ऐसी दिनचर्या बनाकर नहीं रख पाती हैं.
शोधकर्ताओं ने अभी जेब्राफिश (मछली की प्रजाति) पर इस अध्ययन को अंजाम दिया है. जेब्राफिश रात ढलते ही जागने लगती है और जैसे-जैसे रोशनी बढ़ती है, इसकी सक्रियता बढ़ जाती है. शोध में पाया गया कि ऐसी जेब्राफिश जिनमें यह जीन नहीं होता वह ऐसी दिनचर्या बनाकर नहीं रख पाती हैं.
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