केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 शहरों के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया-(18-FEB-2016) C.A

| Thursday, February 18, 2016
फरवरी 2016 के पहले सप्ताह में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 शहरों के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एनएक्यूआई) जारी किया. रंग कोड और संख्यात्मक मान के साथ प्रकाशित एनएक्यूआई प्रत्येक शहर में प्रदूषण की तुलना करने में मदद करेगा. 

एनएक्यूआई का निर्धारण पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 ठीक, श्वसनीय कण), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), ओजोन (O3), अमोनिया(NH3) और शीशा (Pb) समेत उच्च प्रदूषकों की संद्रता के आधार पर किया जाता है.
मुख्य विशेषताएं
• उत्तर प्रदेश में बनारस और बिहार में मुजफ्फरपुर सूची में शीर्ष पर हैं और एक्यूआई मान 409 के साथ इन्हें जनवरी 2016 में वायु प्रदूषण के मामले में 'गंभीर' बताया गया है. 
• इनके बाद फरीदाबाद (399), पटना (388) और आगरा (372) आते हैं जो क्रमशः 3, 4 और 5वें स्थान पर हैं. 
• 362 अंकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली छठे स्थान पर है और इसे 'बहुत खराब' की रेटिंग मिली है. 
• दिसंबर 2015 में दिल्ली को 293 अंकों के साथ 'खराब' की रेटिंग मिली थी. इससे उपर सात भारतीय शहर थे और उन्हें 'बहुत खराब' की रेटिंग दी गई थी. वे शहर थे– आगरा (342), फरीदाबाद (345), कानपुर (347), लखनऊ (353), मुजफ्फरपुर (400), पटना (373) और  वाराणसी (366). 
• नवंबर 2015, 360 के अंक के साथ दिल्ली को तीसरा स्थान मिला था. 374 और 366 अंकों के साथ क्रमशः लखनउ और पटना शीर्ष दो स्थानों पर था. 
• सितंबर 2015 और अक्टूबर 2015 के महीने में वायु प्रदूषण चार्ट में दिल्ली शीर्ष पर थी. 

टिप्पणी 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर है. वास्तव में दिल्ली में वायु प्रदूषण डब्ल्यूएचओ के मानकों की तुलना में 12 गुना अधिक है. 

एनएक्यूआई यह बताता है कि लखनउ, फरीदाबाद, अहमदाबाद, कानपुर, आगरा और वाराणसी जैसे प्रमुख शहर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरे के निशान पर बना हुआ है– डब्ल्यूएचओ के मानकों की तुलना में 10 गुना अधिक वायु प्रदूषण वास्तव में राष्ट्रीय आपतकाल है. 

साल 2014 में, डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के 20 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची जारी की, इनमें से 13 शहर भारत के हैं. 

ग्लोबल बर्डेन ऑफ डीजिज रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण अनुमानतः देश का पांचवा सबसे घातक हत्यारा है. करीब छह लाख भारतीय प्रत्येक वर्ष वायु प्रदूषण की वजह से असमय मर जाते हैं. 

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए 1 जनवरी 2016 से 15 दिनों के लिए ऑड–ईवन योजना शुरु की थी और इसकी वजह से कुछ सुधार भी दिखे लेकिन अकेले यह योजना काफी नहीं है. मजबूत उपायों के अभाव में दिल्ली और भारत के अन्य प्रमुख शहरों से इस समस्या के जल्द दूर होने की संभावना नहीं दिखती.

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