आस्ट्रेलिया स्थित कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्टियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिकों ने फरवरी 2016 में नई आकाशगंगाओं की खोज की घोषणा की. इस घोषणा के तहत वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा के पीछे छिपी सैकड़ों आकाशगंगाओं का पता लगाया.
संबंधित मुख्य तथ्य:
• इस खोज को ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्टियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया.
• वैज्ञानिकों के अनुसार, नई खोज ग्रेट अट्रैक्टर कहे जाने वाले, रहस्यमयी गुरुत्वीय अनियमितता वाले क्षेत्र की गुत्थी सुलझा सकती है.
• ऐसा माना जाता है कि ग्रेट अट्रैक्टर क्षेत्र हमारी आकाशगंगा समेत लाखों आकाशगंगाओं को अपनी ओर खींच रहा है. इसका गुरुत्वबल करोड़ों अरब सूर्य के बराबर है.
• नई आकाशगंगाएं पृथ्वी से 25 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं. हमारी आकाशगंगा के पीछे छिपे होने के कारण वैज्ञानिकों को अभी तक इनका पता नहीं चल पाया था.
• इस खोज में आकाशगंगा के पार देखने में एक उन्नत रिसीवर से लैस ‘पार्क्स रेडियो टेलीस्कोप’ से मदद मिली.
• यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के अनुसार, खोज टीम ने 883 आकाशगंगाओं का पता लगाया, जिनमें से एक तिहाई को कभी नहीं देखा गया था.
• इस खोज को ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्टियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया.
• वैज्ञानिकों के अनुसार, नई खोज ग्रेट अट्रैक्टर कहे जाने वाले, रहस्यमयी गुरुत्वीय अनियमितता वाले क्षेत्र की गुत्थी सुलझा सकती है.
• ऐसा माना जाता है कि ग्रेट अट्रैक्टर क्षेत्र हमारी आकाशगंगा समेत लाखों आकाशगंगाओं को अपनी ओर खींच रहा है. इसका गुरुत्वबल करोड़ों अरब सूर्य के बराबर है.
• नई आकाशगंगाएं पृथ्वी से 25 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं. हमारी आकाशगंगा के पीछे छिपे होने के कारण वैज्ञानिकों को अभी तक इनका पता नहीं चल पाया था.
• इस खोज में आकाशगंगा के पार देखने में एक उन्नत रिसीवर से लैस ‘पार्क्स रेडियो टेलीस्कोप’ से मदद मिली.
• यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के अनुसार, खोज टीम ने 883 आकाशगंगाओं का पता लगाया, जिनमें से एक तिहाई को कभी नहीं देखा गया था.
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