प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 24 फरवरी 2016 को मंत्रिमंडल बैठक ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान को 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के प्रावधान और संचालन के जहाजरानी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
समझौता ज्ञापन
• समझौते के अनुसार चाबहार बंदरगाह के पहले चरण में भारत दो बर्थों को सुसज्ज्ति करेगा और इसका संचालन करेगा.
• इस वर्ष की लीज़ के तहत भारत को 85.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पूंजी का निवेश करना है जिसका राजस्व वार्षिक 22.95 मिलियन अमेरिकी डॉलर होगा.
• दस वर्ष पूरे होने पर साज-सज्जा का मालिकाना हक ईरान को दे दिया जाएगा या पारस्परिक समझौते के तहत इसमें विस्तार भी किया जा सकता है.
• समझौता ज्ञापन के अनुसार इन दो बर्थों का संचालन अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के अधिकतम 18 महीने के बाद शुरू हो जाएगा.
• इन दोनों बर्थों का संचालन इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा.
• इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड का विकास जवाहरलाल नेहरू पोर्ट्स और कांडला पोर्ट्स ट्रस्ट् द्वारा किया गया है. यह दोनों बड़े बंदरगाह जहाजरानी मंत्रालय के तहत कार्यरत हैं.
• समझौते के अनुसार चाबहार बंदरगाह के पहले चरण में भारत दो बर्थों को सुसज्ज्ति करेगा और इसका संचालन करेगा.
• इस वर्ष की लीज़ के तहत भारत को 85.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पूंजी का निवेश करना है जिसका राजस्व वार्षिक 22.95 मिलियन अमेरिकी डॉलर होगा.
• दस वर्ष पूरे होने पर साज-सज्जा का मालिकाना हक ईरान को दे दिया जाएगा या पारस्परिक समझौते के तहत इसमें विस्तार भी किया जा सकता है.
• समझौता ज्ञापन के अनुसार इन दो बर्थों का संचालन अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के अधिकतम 18 महीने के बाद शुरू हो जाएगा.
• इन दोनों बर्थों का संचालन इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा.
• इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड का विकास जवाहरलाल नेहरू पोर्ट्स और कांडला पोर्ट्स ट्रस्ट् द्वारा किया गया है. यह दोनों बड़े बंदरगाह जहाजरानी मंत्रालय के तहत कार्यरत हैं.
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