विश्व बैंक ने 18 फरवरी 2016 को लैटिन अमेरिकी देशों को ज़िका वायरस से लड़ने हेतु 150 मिलियन डॉलर की सहायता राशि जारी की.
इसका उद्देश्य इन देशों में ज़िका वायरस के कारण गिरते सकल घरेलू उत्पाद की दर को स्थिर करने के लिए सहायता देना है.
इसका उद्देश्य इन देशों में ज़िका वायरस के कारण गिरते सकल घरेलू उत्पाद की दर को स्थिर करने के लिए सहायता देना है.
विश्व बैंक का मानना है कि यह देश पर्यटन पर निर्भर हैं एवं ज़िका वायरस के कारण यहां लोगों की आवाजाही में भारी कमी आई है जिससे देश की सकल घरेलू उत्पाद दर में कमी आई है.
इससे पहले 1 फरवरी 2016 को विश्व स्वास्थ्य संगठन नेज़िका वायरस को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किया था.
ज़िका वायरस पर कदम
इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाये जायेंगे –
• मच्छर पैदा होने से रोकना.
• उन लोगों की पहचान करना जो सबसे अधिक खतरे में हैं जैसे गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशु.
• गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा तथा जन्म के बाद नवजात की सुरक्षा के इंतजाम करना.
• लोगों में जागरुकता, स्व-सुरक्षा उपाय एवं सामुदायिक सहभागिता का विकास करना.
• इसके अतिरिक्त जिन कारणों से बचाव हो सकता उन पर विचार करना एवं उन्हें अमल में लाना.
इससे पहले 1 फरवरी 2016 को विश्व स्वास्थ्य संगठन नेज़िका वायरस को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किया था.
ज़िका वायरस पर कदम
इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाये जायेंगे –
• मच्छर पैदा होने से रोकना.
• उन लोगों की पहचान करना जो सबसे अधिक खतरे में हैं जैसे गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशु.
• गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा तथा जन्म के बाद नवजात की सुरक्षा के इंतजाम करना.
• लोगों में जागरुकता, स्व-सुरक्षा उपाय एवं सामुदायिक सहभागिता का विकास करना.
• इसके अतिरिक्त जिन कारणों से बचाव हो सकता उन पर विचार करना एवं उन्हें अमल में लाना.
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