बांग्लादेश से सटे सुंदरबन में बाघों की आबादी में वर्ष 2004 से 2015 के बीच तेजी से गिरावट दर्ज की गई. बाघ जनगणना 2015 के दौरान जुलाई 2015 के चौथे सप्ताह में यह जानकारी सामने आई.
बाघ जनगणना 2015 के अनुसार बांग्लादेश के सुंदरबन में वर्ष 2004 में 440 बाघ थे जो 2015 में घटकर 106 रह गए. बांग्लादेश में सुंदरबन 6097 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ इस देश का एकमात्र हरित वन क्षेत्र है.
बाघों की जनसंख्या में गिरावट का कारण जंगलों की कटाई, वन्य जीवों का अवैध शिकार, उचित वन प्रबंधन की कमी तथा मनुष्य-पशुओं के मध्य वैर-विरोध होना है.
वर्ष 2015 की जनगणना गुप्त कैमरों द्वारा की गयी जबकि इससे पहले पदचिन्ह देख कर यह जनगणना की जाती थी. इसका अर्थ है कि यह संख्या पहले की तुलना में अधिक सटीक है.
बाघ जनगणना 2015 के अनुसार बांग्लादेश के सुंदरबन में वर्ष 2004 में 440 बाघ थे जो 2015 में घटकर 106 रह गए. बांग्लादेश में सुंदरबन 6097 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ इस देश का एकमात्र हरित वन क्षेत्र है.
बाघों की जनसंख्या में गिरावट का कारण जंगलों की कटाई, वन्य जीवों का अवैध शिकार, उचित वन प्रबंधन की कमी तथा मनुष्य-पशुओं के मध्य वैर-विरोध होना है.
वर्ष 2015 की जनगणना गुप्त कैमरों द्वारा की गयी जबकि इससे पहले पदचिन्ह देख कर यह जनगणना की जाती थी. इसका अर्थ है कि यह संख्या पहले की तुलना में अधिक सटीक है.
बाघ जनगणना 2015 बांग्लादेश-भारत संयुक्त टाइगर जनगणना परियोजना द्वारा आयोजित की गयी थी जिसका उद्देश्य एशिया में वन्यजीव संरक्षण के लिए क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए विश्व बैंक से सहायता प्राप्त करना है.
रॉयल बंगाल टाइगर मुख्य रूप से भारत में पाए जाते हैं जिनका कुछ भाग बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, चीन तथा म्यांमार में पाया जाता है.
कुल 2226 बंगाल टाइगर्स में से 74 भारत से सटे सुंदरबन में पाए जाते हैं. यह 10,000 वर्ग किलोमीटर में फैला वन क्षेत्र विश्व के कुल मेंग्रोव वनों का 40 प्रतिशत भाग है.
वर्ल्डवाइड टाइगर फोरम ने वर्ष 2010 में विश्व में बाघों की घटती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए उनके संरक्षण हेतु सामूहिक राजनीतिक कदम उठाने तथा वर्ष 2022 तक उनकी संख्या दोगुनी करने की घोषणा की थी.
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