महिलाओं के सीमित अधिकार के लिए जाने जाने वाले सऊदी अरब की सरकार ने महिलाओं को वोट का अधिकार प्रदान किया. इसकी अधिकारिक घोषणा अगस्त 2015 में हुई. सऊदी अरब के इतिहास में यह पहला मौका है, जब महिलाओं को मतदान करने का हक दिया गया है.
सऊदी अरब की सरकार के अनुसार, यह सहभागितापूर्ण समाज बनाने की दिशा में एक अहम पहल है. सऊदी गजट के मुताबिक जमाल अल-सादी और सफिनाज अबू अल-शामत देश की पहली महिलाएं हैं, जिन्हें मतदाता सूची में जोड़ा गया है. दोनों ने रविवार को मक्का और मदीना के चुनाव कार्यालय जाकर सूची में अपना नाम जुड़वाया.
विदित हो कि वर्ष 2011 में सऊदी अरब के शासक किंग अब्दुल्ला ने महिलाओं के चुनाव में भाग लेने को मंजूरी दी थी. अब्दुल्ला ने कहा था कि शरिया के तहत जो भी संभव है, वह महिलाओं को अधिकार देना चाहते हैं.
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