भारत में विभिन्न अनुसंधान संगठनों से संबंधित वैज्ञानिकों ने भारतीयों में मोटापे के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार THSD7A जीन की पहचान की. यह अनुसंधान अगस्त 2015 के पहले सप्ताह में मोटापे के इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ.
यह अनुसंधान सीएसआईआर-सेलुलर और आण्विक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी), हैदराबाद (सीसीएमबी) के नेतृत्व में किया गया.
अनुसंधान का फोकस
समकालीन भारतीय आबादी 2 पूर्वजों का मिश्रण हैं: एएनआई (पैतृक उत्तर भारतीय) और एएसआई (पैतृक दक्षिण भारतीय). एएनआई यूरोपियन से संबंधित है, जबकि एएसआई भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर किसी भी समूह से संबंधित नहीं है.
अनुसंधान का फोकस
समकालीन भारतीय आबादी 2 पूर्वजों का मिश्रण हैं: एएनआई (पैतृक उत्तर भारतीय) और एएसआई (पैतृक दक्षिण भारतीय). एएनआई यूरोपियन से संबंधित है, जबकि एएसआई भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर किसी भी समूह से संबंधित नहीं है.
वर्तमान अनुसंधान बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से जुड़े नोवल आनुवंशिक के खोजने के उद्देश्य से किया गया. अनुसंधान वैज्ञानिकों के एक भाग ने rs1526538 की खोज की. THSD7A एसएनपी मोटापे के साथ जुड़ा हुआ है.
अध्ययन का महत्व
इस अनुसंधान की सहायता से वैज्ञानिकों द्वारा दवा को उचित स्थान पर पहुंचाने, मोटापे की पहचान करने और जल्द उपचार करने में मदद मिलेगी. हाल के दिनों में कार्डियो वैस्कुलर के रूप में मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य मामले देश में बढ़े हैं.
अध्ययन का महत्व
इस अनुसंधान की सहायता से वैज्ञानिकों द्वारा दवा को उचित स्थान पर पहुंचाने, मोटापे की पहचान करने और जल्द उपचार करने में मदद मिलेगी. हाल के दिनों में कार्डियो वैस्कुलर के रूप में मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य मामले देश में बढ़े हैं.
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