भारत के मंगलयान ने 15 अगस्त 2015 को मंगल ग्रह पर मौजूद सौर मंडल की सबसे बड़ी घाटी ‘वैलिस मरीनेरिस’ की तीन आयामी (3डी) तस्वीरें भेजी हैं.
मंगल ग्रह की सतह से 1857 किलोमीटर की ऊंचाई से मंगलयान ने अपने विशेष कैमरे से जिस हिस्से की तस्वीरें खींची हैं, उसे ‘ओपिर चस्मा’ कहते हैं. यह मंगल ग्रह पर मौजूद सौर मंडल की सबसे बड़ी घाटी का हिस्सा है जिसे वैलिस मरीनेरिस कहा जाता है. वैलिस मरिनेरिस करीब 5000 किलोमीटर लंबी घाटी है.
मंगल ग्रह की सतह से 1857 किलोमीटर की ऊंचाई से मंगलयान ने अपने विशेष कैमरे से जिस हिस्से की तस्वीरें खींची हैं, उसे ‘ओपिर चस्मा’ कहते हैं. यह मंगल ग्रह पर मौजूद सौर मंडल की सबसे बड़ी घाटी का हिस्सा है जिसे वैलिस मरीनेरिस कहा जाता है. वैलिस मरिनेरिस करीब 5000 किलोमीटर लंबी घाटी है.
मंगलयान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 5 नवम्बर 2013 को प्रक्षेपित किया गया था जिस पर 450 करोड़ रुपए की लागत आई.
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