भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा (अगस्त 2015) को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ‘मसदर’ शहर हाल ही में चर्चा में रहा.
मसदर यूएई का एक ऐसा शहर है जिसे सिटी ऑफ फ्यूचर कहा जाता है. यूएई के विकास के मॉडल को समझना हो या फिर एक स्मार्ट सिटी को कैसा होना चाहिए इस बात का सबसे बेहतरीन उदाहरण मसदर है. यह शहर शून्य कार्बन शहर है और स्वच्छ और अपनी स्वच्छता के लिए जाना जाता है जो इसे ख़ास बनाता है. रेगिस्तान में बसा यह सपनों का शहर 17 किमी के दायरे में फैला है.
मसदर से संबंधित मुख्य तथ्य:
• मसदर शहर को बनाने का काम वर्ष 2008 में शुरू हुआ था. इसे दुनिया का पहला इको-फ्रेंडली शहर के रूप में विकसित किया गया है.
• अगर मसदर में जाना है तो कार को शहर से बाहर पार्क करना पड़ेगा और यहां से इको-फ्रेंडली कारें पिक करके शहर में घुमाएंगी.
• यहां भविष्य में गाड़ियां पेट्रोल डीजल से नहीं बल्कि बैटरी से चलेंगी.
• मसदर का विंड टावर 22 हेक्टेयर में फैला है जिसमें 88 हजार सोलर पैनल लगे हैं.
• यहां बिल्डिंगों में लाइट के लिए कोई स्विच नहीं है और मोशन सेंसर तकनीक से लाइट्स ऑन-ऑफ होती हैं जिससे 51 फीसदी बिजली की बचत होती है.
• इस शहर को नायाब तकनीक से डिजाइन किया गया है. इसे बनाने में ग्रीन बिल्डिंग मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. बिल्डिगों के बीच में जगह कम रखी गई है ताकि सड़क पर छाया आती रहे.
मसदर से संबंधित मुख्य तथ्य:
• मसदर शहर को बनाने का काम वर्ष 2008 में शुरू हुआ था. इसे दुनिया का पहला इको-फ्रेंडली शहर के रूप में विकसित किया गया है.
• अगर मसदर में जाना है तो कार को शहर से बाहर पार्क करना पड़ेगा और यहां से इको-फ्रेंडली कारें पिक करके शहर में घुमाएंगी.
• यहां भविष्य में गाड़ियां पेट्रोल डीजल से नहीं बल्कि बैटरी से चलेंगी.
• मसदर का विंड टावर 22 हेक्टेयर में फैला है जिसमें 88 हजार सोलर पैनल लगे हैं.
• यहां बिल्डिंगों में लाइट के लिए कोई स्विच नहीं है और मोशन सेंसर तकनीक से लाइट्स ऑन-ऑफ होती हैं जिससे 51 फीसदी बिजली की बचत होती है.
• इस शहर को नायाब तकनीक से डिजाइन किया गया है. इसे बनाने में ग्रीन बिल्डिंग मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. बिल्डिगों के बीच में जगह कम रखी गई है ताकि सड़क पर छाया आती रहे.
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